![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/11_08_2020-anl_2276_20614890_02021593.jpg)
RGA न्यूज़ देहरादून उत्तराखंड
Janmashtmi 2020 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सादगी के साथ मनाई गई। कान्हा के आगमन पर चारों ओर सिर्फ कान्हा के जयकारों की गूंज ही सुनाई दी। ...
देहरादून:- Janmashtmi 2020 नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयाल लाल की और बाजे-बाजे री बधाई यशोदा मैया तोरे अंगना...। मंगलवार रात 12 बजते ही अधिकांश मंदिरों में गूंजे इन भजनों के साथ भक्तों ने कृष्ण जन्मोत्सव मनाया। व्रतधारी भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान कृष्ण की पूजा की। हालांकि, इस बार कोरोना के चलते भक्तों को नंदलाल को झूला झुलाने, झांकी निकालने, हांडी तोड़ने और फलों का भोग लगाने का मौका नहीं मिला।
कोरोना संक्रमण के बीच श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत दून में सादगी के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया गया। स्मार्त मत के अनुयायी गृहस्थी लोगों ने व्रत रखकर घरों में रहकर ही भगवान कृष्ण की आराधना कर सुख शांति की कामना की। वहीं, मंदिरों में सुबह साफ सफाई के बाद भगवान के वस्त्र बदले और उनका श्रृंगार किया। शाम होते ही शहर के अधिकांश मंदिरों में शरीरिक दूरी बनाकर कीर्तन मंडली ने भजन गायन की तैयार की। पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, आदर्श मंदिर पटेलगर, श्री लक्ष्मी नारायण पंचमुखी हनुमान मंदिर आराघर, कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर, प्रचीन शिव मंदिर धर्मपुर, राधाकृष्ण मंदिर किशननगर चौक समेत शहर के अधिकांश मंदिरों में भजन के बाद मध्यरात्रि में गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत और वैदिक मंत्रोचारण के साथ अभिषेक कर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया।
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के दिगम्बर दिनेश पुरी ने बताया कि मंगलवार रात जन्मोत्सव के बाद बुधवार रात आठ बजे भजन कीर्तन कर नंदोत्सव मनाया जाएगा। गांधी रोड स्थित पंचायती मंदिर समिति के प्रधान राजकुमार ने बताया कि सुबह मंदिर परिसर में विराजमान सभी देवी देवताओं को श्रृंगार, वस्त्र आभूषणें से सजाकर पूजा पाठ किया गया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण का झूले का श्रृंगार किया गया। प्रेमनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर में पंडित कृष्ण प्रसाद ने भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार कर माखन मिश्री का भोग लगाया। श्री लक्ष्मी नारायणी पंचमुखी हनुमान मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन कर भक्तों ने भगवान के दर्शन किए।
वैष्णव संप्रदाय कल मनाएंगे जन्माष्टमी
इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र अलग-अलग दिन पड़ने से दो दिन जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा हैं। वृंदावन में नंदोत्सव की तर्ज पर वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी बुधवार को जन्माष्टमी मनाएंगे।
दोपहर में प्रशासन के निर्देश पर भक्त हुए मायूस
मंगलवार को जन्माष्टमी के व्रत के बाद मंदिरों में होने वाले कार्यक्रम को लेकर मंदिर समिति व सेवादल के सदस्य साउंड, डीजे गायन की तैयारी में जुटे थे, लेकिन दिन में मंदिरों में पुलिस पहुंची और प्रशासन का हवाला देकर कार्यक्रम में तकरीबन 10 लोग से ज्यादा न रहने की बात कही। सेवादारों का कहना था कि प्रशासन को एक दिन पहले इसकी सूचना देनी चाहिए थी, अब तैयारी पूरी होने के बाद सूचना देने मंदिरों में आने वाले भक्त हुए।
बाल गोपाल की पोशाक खरीदने के लिए बाजार में भीड़
जन्माष्टमी के लिए मंगलवार को शहर के विभिन्न बाजार में महिलाओं ने जमकर खरीदारी की। कहीं बाल गोपाल की पोशाक खरीदी गई, तो कहीं जन्माष्टमी पर कान्हा के मोहक रूप को सजाने के लिए मोरमुकुट, पगड़ी, कंगन, कड़े, कुंडल और आकर्षक झूले भी खूब बिके। वहीं, ठाकुरजी को भोग लगाने के लिए घर पर ही लड्डू और पंजीरी बनाई।
फेसबुक पर छाए नन्हें-मुन्हे कान्हा
कोरोनाकाल के चलते मंदिरों में जाना संभव नहीं हो पाया तो घरों कन्हैया के रूप में तैयार नन्हें-मुन्हे फेसबुक पर छाए रहे। कोई कृष्ण बनकर राधा संग मुरली बजा रहा है, तो कोई बाल गोपाल के रूप में झूला झूल रहा है। पीले रंग के वस्त्र, मोरमुकुट और मुरली पकड़े हुए बच्चे भगवान श्रीकृष्ण के सामान प्रतीत होते दिखे। पटेलनगर निवासी पुष्पा, चंद्रमणी निवासी पूजा ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व पर स्कूल में कार्यक्रम होता है, जिसमें बच्चे कृष्ण बनकर जाते हैं, लेकिन इस बार स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को कान्हा के रूप में तैयार कर फेसबुक फोटो पोस्ट की।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्यवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र और श्रीमद्भागवत गीता के माध्यम से दिए गए महान सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि सभी जन इस पावन अवसर पर प्रेम, भाईचारा बनाकर समाज के विकास में योगदान का संकल्प लें। उन्होंने राज्यवासियों से यह भी अपील की है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर गाइडलाइन का पालन कर जन्माष्टमी मनाएं।