

RGA न्यूज़ सहारनपुर
मुशायरे के मंचों को अपनी खूबसूरत शायरी और अनूठे अंदाज से सजाने वाले विश्वविख्यात शायर डा. राहत इंदौरी के इंतकाल से अदबी हलकों में रंज-ओ-गम है। ...
सहारनपुर:- मुशायरे के मंचों को अपनी खूबसूरत शायरी और अनूठे अंदाज से सजाने वाले विश्वविख्यात शायर डा. राहत इंदौरी के इंतकाल से अदबी हलकों में रंज-ओ-गम है। नामचीन शायर डा. नवाज देवबंदी ने डा. राहत के निधन पर गहरे दुख का इजहार करते हुए कहा कि राहत साहब मुशायरों के बादशाह थे। उनका अचानक इस तरह चले जाना ङ्क्षहदी और उर्दू अदब की दुनिया के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।
मुल्क व बैरून-ए-मुल्क में डा. राहत इंदौरी के साथ मुशायरों व कवि सम्मेलनों के मंच साझा कर चुके डा. नवाज देवबंदी ने कहा कि राहत इंदौरी बाकमाल शख्सियत और मुशायरों के मंच के शहंशाह थे। दुनिया के कोने कोने में मकबूलियत पाने वाले राहत ङ्क्षहदी और उर्दू दोनों मंच पर अपना हुनर दिखाने में माहिर थे। मुशायरों में उनका जुदा अंदाज देखने के लिए भीड़ उमड़ती थी।
यादों के झरोखों में झांकते नवाज साहब बताते हैं, साल 2000 में बज्म-ए-सुखन कार्यक्रम के दौरान उनका लंबा समय राहत इंदौरी के साथ गुजरा। मुशायरों की बड़ी शख्सियत भी कार्यक्रम में शिरकत करती थीं। एक बार जब फिल्म कलाकार रजा मुराद कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्होंने अपने शानदार शेरों के साथ उनका स्वागत किया था। देवबंदी ने कहा कि राहत साहब इल्मी दुनिया के साथ फिल्मी दुनिया में भी कामयाब रहे।