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सीतापुर। रामपुर मथुरा थाना पुलिस ने अयोध्या-काशी के पुरोहितों की दक्षिणा में ठगी करने वाली गीता पाठक व उसके सहयोगी ब्रज किशोर उर्फ गुलाब सिंह को जेल भेज दिया गया है। इसके अलावा अन्य चार नामजद आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। थानाध्यक्ष सुरेश चंद्र मिश्र ने बताया, रामपुर मथुरा थाने में गीता पाठक के विरुद्ध जालसाजी के आरोप में ही दो मुकदमे हैं।
इससे पहले वह 2013-14 में भी एक बार जेल जा चुकी हैं। उन्होंने बताया, तेरवा मनिकापुर गांव में गीता पाठक अपने घर में ही 11 दिन का अनुष्ठान करा रही थी। अनुष्ठान के अंतिम दिन गुरुवार को पुराेहितों को चूरन वाले नोट मिलने पर उनके व आयोजकों के बीच हुए विवाद से मामला खुला। अनुष्ठान में लखीमपुर खीरी के आदर्श चौधरी, सीतापुर शहर के विकास नगर खूबपुर मुहल्ले के विक्रांत मिश्र यजमान थे, जबकि गीता पाठक मुख्य यजमान थी। बहराइच जिले के रुपैडिया के दिलीप पाठक से दर्ज कराई गई एफआइआर में गीता पाठक व उसका पति हुलासीराम पाठक, ड्राइवर नीरज सिंह, ब्रज किशोर उर्फ गुलाब सिंह, आदर्श चौधरी व विक्रांत मिश्र नामजद अभियुक्त हैं। थानाध्यक्ष ने बताया, गीता पाठक के विरुद्ध रामपुर मथुरा थाने में दो, थानगांव में एक मुकदमा है। इसके अलावा लखनऊ के ठाकुरगंज थाने में दो, कुशीनगर जिले में एक एफआइआर है। बिहार राज्य के गोपालगंज में भी एक भी मुकदमा दर्ज है।
‘माता जी’ के नाम से क्षेत्र में पहचान रखती है गीता
तेरवा मनिकापुर गांव के लोगों ने बताया, गांव और आसपास के लोगों में गीता की पहचान ‘माता जी’ के तौर पर है। लाेग बड़े अदब से माता जी ही कहते हैं। गांव के मंदिर पर नवरात्रों में ये देवी माता की तरह से मुकुट, वस्त्र धारण कर नृत्य भी करती हैं। गीता के चार बेटे हैं।
पहले गोशाला का धंधा फिर तंत्र-मंत्र
गांव वालों की मानें तो गीता पाठक बाराबंकी व कुशीनगर जिले की जेल में भी रह चुकी है। इसका घर तेरवा मनिकापुर में गांव के बाहर उत्तर में बना है। पहले ये स्कूल चलाती थी फिर उसमें कुछ पशुओं को पाला था जिसे वह गोशाला बताकर लोगों को ठगती थी।