जिला महिला अस्पताल में मना मरीज सुरक्षा दिवस 

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RGA न्यूज़ संवादाता डॉक्टर एमपी सिंह की रिपोर्ट

डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को दिलाई गई पेशेंट सेफ्टी की शपथ, 
हर साल  5.3 मिलियन मरीजों के साथ  इंजरीज मेडिकल  एरर के कारण होती है-बीएमजे क्वालिटी एंड सेफ्टी सर्वे - सितंबर 2013 

बरेली
 महिला जिला अस्पताल में  पेशेंट सेफ्टी डे मनाया गया। इस अवसर पर नेशनल हेल्थ स्ट्रेंथिंग रिसोर्सेज सेंटर (एन एच एस आर सी)  की ओर से डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को पेशेंट सेफ्टी की शपथ दिलाई गई । वही मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की ओर से  वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अलका शर्मा, क्वालिटी मैनेजर डॉ. निशा सिंह राना और डाक्टर्स,  पैरामेडिकल स्टाफ ने हिस्सा  लिया। 
  ट्रेंनिंग सेशन के दौरान डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि पेशेंट सेफ्टी डे मनाने का अर्थ है कि मरीज को उनके मौलिक अधिकार के तहत गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। डॉ. निशा सिंह राना ने बताया कि विश्व में मरीजों की मृत्यु  होने की  टॉप टेन  कारणों में से एक मेडिकल एरर भी है।  ब्रिटिश मेडिकल जर्नल -क्वालिटी एंड सेफ्टी सर्वे सितंबर 2013 के सर्वे के अनुसार हर साल  5.3 मिलियन मरीजों के साथ  इंजरीज मेडिकल एरर के कारण होती है। जिसमें से 3 मिलियन मौतें इसी कारण से हो जाती है।  यह वह मौतें हैं  जिन्हें जरा सी सावधानी से रोका जा सकता है।
6 बिंदुओं का रखना होगा ध्यान-
डॉ. निशा सिंह राना ने बताया कि इंटरनेशनल पेशेंट सेफ्टी गोल के अनुसार 6 पॉइंट है जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।
- मरीज को सही से चिन्हित करें। (सही मरीज को सही दवा)
- मरीज  का डॉक्टर से सही प्रकार या अच्छे से  संवाद हो।
- डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा दवाइयों का प्रयोग करते वक्त सावधानी बरती जाए।
- डॉक्टरों द्वारा मरीज की सेफ सर्जरी की जाए।
- हेल्थ केयर संबंधित इंफेक्शन को रोका जाए।
- कई बार पेशेंट के गिरने की वजह से नुकसान हो सकता है इस वजह को कम किया जाए।

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