

RGA न्यूज़ संवाददाता हरिद्वार उत्तराखंड
हरिद्वार: राज्य सरकार की ओर से एक के बाद एक स्नान पर्व स्थगित किए जाने से नाराज व्यापारियों ने पुरानी सब्जी मंडी स्थित प्रांगण में प्रदर्शन किया। उन्होंने कार्तिक स्नान स्थगित किए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की। साथ ही, आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारियों को भी अखाड़ों की तरह पांच-पांच लाख रुपये अनुदान देने की मांग की है।
ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा धर्मनगरी में एक के बाद एक स्नान पर्व को स्थगित किया जाना यहां की जनता और व्यापारियों के साथ सौतेला रवैया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारियों को कार्तिक पूर्णिमा स्नान से काफी उम्मीदें थी। व्यापारी नेता अशोक पाराशर ने कहा कि कुंभ मेले में होने वाले शाही स्नानों की घोषणा कर दी गई है। जब शाही स्नान कोविड गाइडलाइन के तहत कराई जाएगी तो स्नान पर्व क्यों नहीं। व्यापारी राज्य सरकार के निर्देशों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा स्नान में आम जनता के लिए छूट दिए जाने पर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए। व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों में वरिष्ठ नेता अनिल गुप्ता, राजेश खुराना, संजय बंसल, सोनू गर्ग, अवधेश कोठियाल, कुंवर सिंह मंडवाल, राधेश्याम रतूड़ी, राहुल वर्मा, संजीव गुप्ता, अजय सक्सेना, मोहित गर्ग, राजेश खन्ना, प्रदीप अग्रवाल, कुलदीप खन्ना, मुकेश राणा, राजेश दुआ, पंडित प्रभाकर शर्मा, अजय कुमार शामिल रहे। भाजपा पार्षद ने स्नान पर रोक का किया विरोध
हरिद्वार: नगर निगम हरिद्वार के भाजपा पार्षद अनिल मिश्रा ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर लगी प्रशासनिक रोक का विरोध किया है। उन्होंने इसे शासन-प्रशासन पर अपनी नाकाम का बहाना करार दिया। उन्होंने कहा कि जब शासन-प्रशासन चुनाव, रैली, बैठक आदि करा सकता है तो करोड़ों की आस्था से क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन व्यापारियों का शोषण कर रहा है।