मार्गशीर्ष मास 2020: कल से आरंभ हो रहा है मार्गशीर्ष मास

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यहां पढ़ें पूरे माह का कलैंडर

RGA न्यूज आगरा ब्यूरो चीफ सोनू शर्मा

आगरा:- हिन्दू पंचांग का नया महीना मार्गशीर्ष एक दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है। मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां महीना है। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, इसलिए इस मास का नाम मार्गशीर्ष पड़ा है। मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मार्गशीर्ष मास स्वयं मेरा ही स्वरूप है। इस माह में नदी स्नान से समस्त पापों का नाश होता हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

नदी स्नान का महत्व

एक बार गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था कि कोई व्यक्ति आपको कैसे प्राप्त कर सकता है? इस पर श्रीकृष्ण ने उनको बताया था कि मार्गशीर्ष मास में यदि कोई यमुना में स्नान करे तो वह उनको आसानी से प्राप्त कर सकता है। इसके बाद से ही मार्गशीर्ष मास में नदी में स्नान की परंपरा बन गई। मार्गशीर्ष मास में स्नान के समय पानी में तुलसी का पत्ता डालकर स्नान करना चाहिए। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करें या फिर गायत्री मंत्र का स्मरण कर सकते हैं

इस माह के व्रत त्योहार 

काल भैरव जयंती

काल भैरव जयंती 7 दिसंबर को है। मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी के रूप में मनाई जाती है। काल भैरव बीमारी, भय, संकट और दुख को हरने वाले स्वामी माने जाते हैं। इनकी पूजा से हर तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती है। 

उत्पन्ना एकादशी

उत्पन्ना एकादशी व्रत 11 दिसंबर को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत (कृष्ण)

12 दिसंबर को को कृष्ण प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रति माह में दो बार (कृष्ण और शुक्ल पक्ष में) त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। 

मासिक शिवरात्रि

दिसंबर की 13 तारीख को मासिक शिवरात्रि है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है

मार्गशीर्ष अमावस्या

मार्गशीर्ष अमावस्या 14 दिसंबर को है। धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। इस तिथि को अगहन और पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को याद किया जाता है। 

धनु संक्रांति

सूर्य देव 15 दिसंबर मंगलवार के दिन धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में ये 14 जनवरी 2021 तक स्थित रहेंगे। सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है। जिस राशि में ये प्रवेश करते हैं उसी राशि के नाम पर संक्रांति पड़ती है। 

मोक्षदा एकादशी    

मोक्षदा एकादशी व्रत 25 दिसंबर को रखा जाएगा। मोक्षदा एकादशी का तात्पर्य है मोह का नाश करने वाली। इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी कहा गया है। द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान दिया था। अत: इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।  

क्रिसमस डे

25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। यह ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह पर्व ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस के मौके पर सैंटा क्लॉज लोगों को उपहार बांटते हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 30 दिसंबर बुधवार के दिन पड़ रही है। इस दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व बताया गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप आदि करते हैं।

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