RGA न्यूज़ बड़कोट उत्तरकाशी
बड़कोट (उत्तरकाशी): Food Poisoning उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील के क्वाल गांव में फूड प्वाइजनिंग से 50 से अधिक ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ गई। बीमारों को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट और नौगांव ले जाया गया। ग्रामीणों ने एक धार्मिक आयोजन में खाना खाया था। बुधवार सुबह एंबुलेंस के इंतजार में बीमार ग्रामीण सड़क, पैदल रास्तों पर पड़े रहे। सूचना पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मामले को गंभीरता से लिया और एसडीएम चतर सिंह चौहान को मौके पर भेजा। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर मामले को संभाला। वहीं दो बच्चों और एक वृद्ध को स्थिति गंभीर होने पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
बीती मंगलवार को गांव में पांडव नृत्य आयोजन का समापन था, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। मंगलवार देर शाम ग्रामीणों को दाल-चावल, हलवा और रायता परोसा गया। भोजन के बाद देर रात घर लौटने पर ग्रामीणों को उल्टी-दस्त होने लगी। बुधवार सुबह कुछ ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। लेकिन, न तो विभाग की टीम और न ही एंबुलेंस समय से पहुंची। किसी तरह कुछ ग्रामीण सड़क तक पहुंचे, लेकिन वहां भी एंबुलेंस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा
ऑलवेदर की सुरंग निर्माण करने वाली गजा कंपनी की एंबुलेंस सबसे पहले साढ़े ग्यारह बजे पहुंची। जबकि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट के पास एंबुलेंस और इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं थे। एसडीएम चतर सिंह चौहान ने जब क्वाल गांव जाकर स्थिति देखी तो उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव और पुरोला से एंबुलेंस मंगवाई। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट में अतिरिक्त बेड लगाकर 12 ग्रामीणों को भर्ती किया गया। जबकि, 26 ग्रामीणों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव में भर्ती किया गया। एसडीएम चतर सिंह चौहान ने बताया कि 12 से अधिक ग्रामीणों को स्वास्थ्य टीम घर पर ही उपचार दे रही है। 38 ग्रामीणों का उपचार सीएचसी बड़कोट और नौगांव में चल रहा है।
दो घंटे तक नहीं मिल पाई सहायता
क्वाल गांव के गणपति नौटियाल ने बताया कि वे प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। रात को एक बजे गांव से उनकी पत्नी का फोन आया कि उन्हें उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है। गांव के ही वाहन चालक राकेश नौटियाल ने बताया कि उन्हें भी उल्टी-दस्त की शिकायत थी, लेकिन फिर भी उन्होंने बुधवार सुबह क्वाल गांव से कुछ बीमार ग्रामीणों को अपनी गाड़ी में बिठाकर राजकीय महाविद्यालय कटाव तक पहुंचाया। इसके बाद वह भी गाड़ी चलाने में असमर्थ हो गए। प्रशासन को सूचित किए जाने के बाद भी दो घंटे तक कोई भी मेडिकल सहायता नहीं मिल पाई।
मयूर दीक्षित (जिलाधिकारी उत्तरकाशी) ने कहा कि क्वाल गांव में फूड प्वाइजनिंग के मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है, जिससे यह पता लग सके कि फूड प्वाइजनिंग के क्या कारण थे। ऐेसे में आगे भी इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा।