RGA न्यूज़
रीयल मैड्रिड टीम के खिलाड़ी फोटो साभार फेसबुक पेज
लिवरपूल ने चैंपियंस लीग के इतिहास में अपना सबसे तेज गोल दागा लेकिन आखिरी ग्रुप मैच में नई टीम मिडजीलैंड ने उसे 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया। मुहम्मद सलाह ने 55वें सेकेंड में ही पहला गोल कर दिया और वह लीग में लिवरपूल के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले फुटबॉलर बन गए। उनका यह लीग में 22वां गोल था जो स्टीवन गेरार्ड से एक अधिक है। ग्रुप-डी के विजेता के तौर पर अगले दौर में पहुंच चुकी लिवरपूल ने कई खिलाडि़यों को आराम दिया था हालांकि सलाह ने पूरा मैच खेला। मिडजीलैंड के लिए एलेक्जेंडर स्कोल्ज ने दूसरे हाफ में बराबरी का गोल किया।
रीयल मैड्रिड गुप चरण से बाहर होने से बचा
मैड्रिड : पहले हाफ में करीम बेंजमा के दो गोल की मदद से रीयल मैड्रिड ने जर्मनी के क्लब मौनचेंगलाडबाख को 2-0 से हरा दिया जिससे टीम लीग से जल्दी बाहर होने से बच गई। मैड्रिड को अगले दौर में पहुंचने के लिए यह मैच हर हालत में जीतना था। इसके साथ ही टीम लगातार 24वीं बार नॉकआउट में पहुंच गई। इस जीत से मैनेजर जिनेदिन जिदान ने राहत की सांस ली होगी जो लीग और स्पेनिश लीग में खराब प्रदर्शन के बाद आलोचकों के निशाने पर थे। मौनचेंगलाडबाख भी पहली बार अंतिम-16 में पहुंचा है।
मैनचेस्टर सिटी ने मार्सेले को बाहर किया
मैनचेस्टर : मैनचेस्टर सिटी ने चैंपियंस लीग के मैच में मार्सेले को 3-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। इसके साथ ही फ्रांस के इस क्लब की तीसरे स्थान पर रहने और यूरोपा लीग के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीदें भी खत्म हो गई। चोटों से प्रभावित सत्र में पांचवीं बार ही खेल रहे सर्जियो अगुएरो ने 11वें मिनट में गोल दागा। इसके अलावा फेरान टोरेस ने 48वें और रहीम स्टर्लिग ने 90वें मिनट में गोल किए। मैनचेस्टर सिटी पहले ही नॉकआउट दौर में प्रवेश कर चुका है। दूसरी ओर मार्सेले को अंतिम स्थान पर रहने से बचने के लिए दूसरे मैचों के अनुकूल नतीजे चाहिए थे।
लोकोमोटिव को हराकर ग्रुप में शीर्ष पर रहा बायर्न म्यूनिख
म्यूनिख : गत विजेता बायर्न म्यूनिख ने चैंपियंस लीग के आखिरी लीग मैच में लोकोमोटिव मॉस्को को 2-0 से हराकर अपना अपराजेय अभियान जारी रखा। बायर्न के लिए निकलस सुले और एरिक मैक्जिम ने गोल दागे। टीम ग्रुप-ए में 16 अंक लेकर शीर्ष पर रही। दूसरे स्थान पर एटलेटिको मैड्रिड है जिसने साल्सबर्ग को 2-0 से हराया। उसके बायर्न से सात अंक कम है। साल्सबर्ग के लिए यह करो या मरो का मैच था लेकिन इसमें मिली हार के बाद वह तीसरे स्थान पर रहा और उसे यूरोपा लीग के लिए क्वालीफिकेशन से ही संतोष करना पड़ेगा।