रावण वाली गली में मेडिकल कॉलेज कर्मी ने किया आत्मदाह ​​

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बिहारीपुर कसगरान स्थित रावण वाली गली में मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी ने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह कर लिया। बाथरूम से धुआं निकलने के बाद लोगों को घटना की जानकारी हुई। घरवालों ने बाथरूम का दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला और उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई। बिहारीपुर कसगरान स्थित रावण वाली गली में रहने वाले सौरभ वर्मा (26) रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में अकाउंट सेक्शन में थे। उनके पिता अमर सिंह वर्मा एफसीआई से रिटायर्ड हैं। बड़े भाई अमित वर्मा रुहेलखंड विश्वविद्यालय में एमफार्मा के लेक्चरर हैं। फरवरी में किला के मोहल्ला गढ़ी के रहने वाले पीके वर्मा की बेटी पायल से सौरभ की शादी हुई थी। किसी बात को लेकर उसका बड़े भाई से दो दिन पहले झगड़ा हो गया था। इसकी वजह से वह परेशान था। रविवार सुबह 11 बजे वह नहाने के लिए घर की छत पर बने बाथरूम में गया। काफी देर तक न निकलने पर पत्नी ने बाथरूम के बाहर से खाने के बारे में पूछा। अंदर से कोई आवाज न आने पर वह कुछ देर खड़ी रहीं और इसके बाद लौट गईं। तीन घंटे बाद भी सौरभ नहाकर नीचे नहीं आए। इस पर पत्नी पायल, ससुर अमर सिंह को लेकर छत पर गईं। बाथरुम से धुआं निकल रहा था, लाइट बंद थी और दरवाजा लॉक था। रोशन दान से देखा तो सौरभ अचेत फर्श पर पड़ा था। बाथरूम से मिट्टी के तेल की महक आ रही थी और सौरभ काफी झुलसा हुआ था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। माता-पिता के पूर्णागिरी से लौटने पर देर रात तक बात की थी शुक्रवार को अमर सिंह अपनी पत्नी कुसुम देवी के साथ पूर्णागिरी गए थे। दोनों के पूर्णागिरी से लौटने पर शनिवार को देर रात सौरभ ने उनसे बात की थी। उस समय उसका व्यवहार एकदम सामान्य था। इस दौरान उसने किसी भी तरह के तनाव से इंकार कर दिया था।दो दिन पहले बड़े भाई से हुआ था झगड़ासौरभ का अक्सर ही बड़े भाई अमित सिंह से विवाद हो जाता था। माता-पिता के पूर्णागिरी जाने के बाद अमित ने किसी बात पर नाराज होकर सौरभ को पीट दिया था। उसने मां से यह बात भी छुपाई थी।शादी के लिए लिया था कर्जअमर सिंह ने सौरभ की शादी के लिए काफी कर्जा लिया था। सप्ताहभर में कई बार दो लोग सौरभ के घर पर रुपये का तकादा करने आते थे। पड़ोसियों के मुताबिक वह कर्ज चुकाने को लेकर तनाव में रहता था।हर रविवार को छत के बाथरूम को धोता था सौरभ हर रविवार को छत पर बने नये बाथरूम में अपने कपड़े साफ करता था। कपड़े धोने में उसे काफी समय भी लगता था। रविवार को भी बाथरूम में देर होने पर सबने यही समझा की वह कपड़े धो रहा था।

 

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