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कई लोगों के बैंक खातों से रकम उड़ाई जा रही है।
एक निजी कंपनी द्वार एलईडी बल्ब सस्ती कीमत पर देने के नाम पर मध्य प्रदेश के भिंड ग्वालियर दतिया सागर मंडला जिलों और उत्तर प्रदेश के रायबरेली के पांच लाख से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड अंगूठे के निशान आदि डाटा निजी उपयोग के लिए जुटाने का आरोप लगा है।
ग्वालियर। एक निजी कंपनी द्वार एलईडी बल्ब सस्ती कीमत पर देने के नाम पर मध्य प्रदेश के भिंड, ग्वालियर, दतिया, सागर, मंडला जिलों और उत्तर प्रदेश के रायबरेली के पांच लाख से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड, अंगूठे के निशान आदि डाटा निजी उपयोग के लिए जुटाने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक गुजरात के वडोदरा की उत्कर्ष प्राइवेट लिमिटेड ने यह डाटा लिया और इसी के जरिये इजी-पे पर वालेट अकाउंट खोले गए हैं। इसके माध्यम से कई लोगों के बैंक खातों से रकम उड़ाई जा रही है। अकेले भिंड में 75 लोगों के खाते से 18 लाख रुपये की रकम अब तक पार होने की जानकारी सामने आई है। भिंड के एसपी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि जो लोग इस कंपनी को अपना डाटा दे चुके हैं, उनके बैंक खाते सुरक्षित नहीं हैं। मामले में चार एफआइआर दर्ज की गई हैं।
ऐसे किया गया पूरा फर्जीवाड़ा
डीएसपी (मुख्यालय) मोतीलाल कुशवाहा ने बताया कि उक्त कंपनी ने भिंड के 4 युवकों को कमीशन पर सेल्समैन की नौकरी पर रखा। इन्हें एलईडी बल्ब दिए, जो ग्रामीणों को महज आठ रुपये में बेचने थे। इतनी कम कीमत के बल्ब के बदले ग्रामीणों से आठ रुपये के साथ उनका आधार नंबर, अंगूठे का निशान और अन्य जानकारी देनी थी। एक सेल्समैन को प्रत्येक आधार नंबर औरु अंगूठे का निशान एकत्रित करने पर पांच रुपये कमीशन मिलता था। भिंड के लहार, रौन और अकोड़ा में मई से सितंबर 2020 के बीच करीब एक लाख लोगों का डाटा ले लिया गया। डीएसपी का कहना है कि एक सेल्समैन ने एक दिन में पांच सौ और इससे ज्यादा लोगों का डाटा लिया। यही नहीं, इस कंपनी ने ग्वालियर के ग्रामीण इलाकों सहित दतिया, सागर, मंडला और उत्तर प्रदेश के रायबरेली में भी लाखों लोगों का डाटा एकत्रित कराया है। इस डाटा का अब कंपनी अन्यत्र उपयोग कर रही है।
गुजरात से दिल्ली बेचा डाटा
डीएसपी के मुताबिक कंपनी ने दिल्ली के गिरोह को यह डाटा बेचा है। इसका उपयोग कर गिरोह ने इजी-पे वालेट पर फर्जी खाते खोले। अकाउंट में लोगों के आधार नंबर, उनके अंगूठे का निशान उपयोग किया। गिरोह ने इसमें मोबाइल नंबर खुद के लोगों का डाला है। लोगों के अंगूठे के निशान को सिलिकान की परत पर छापा गया। गिरोह ने सिलिकान पर लिए गए अंगूठे के निशान का उपयोग कर लोगों के अकाउंट से रकम उड़ाई और उसे वालेट में ले आए। वालेट से रकम को कानपुर के दो निजी बैंकों में खोले गए खाते में ट्रांसफर किया गया।
भिंड के एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गुजरात की कंपनी ने भिंड सहित आसपास के जिलों के लोगों का निजी डाटा इकट्ठा करवाया है। इसे बेचा गया है। कई खातों से रकम पार होने की शिकायतें मिली हैं। गुजरात और दिल्ली में गिरोह चिह्नित किया गया है। हमारी टीम लगातार इस पर काम कर रही है।