कोर्स में कितना सीखा आखिर में देना होगा इसका टेस्ट

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RGANews

उच्च शिक्षा में कॉमन सिलेबस और अधिगम परिणामों पर आधारित पाठ्यक्रम (आउटकम्स बेस्ड कैरिकुलम फ्रेमवर्क) लागू करने की पहल के साथ अब पूरी परीक्षा प्रणाली को बदलने की तैयारी है। विदेशों की तर्ज पर ऐसा पैटर्न लागू किया जाएगा, जिसे परीक्षा के साथ मूल्यांकन और छात्र की क्षमता का सही आंकलन हो सके। इसके लिए यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों से परीक्षा प्रारूप को लेकर अलग-अलग बिंदुओं पर 22 जून तक सुझाव भी मांगे हैं। जिन बिंदुओं पर सुझाव मांगा है, उसमें सबसे खास है डिग्री पाठ्यक्रम के अंत में सभी छात्रों की क्षमता की जांच यानी एबेलिटी टेस्ट जो परीक्षा से अलग होगा ताकि छात्र ने कितना सीखा उसका सही आंकलन हो सके।

 

सिर्फ विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि शिक्षक, परीक्षा नियंत्रक, शिक्षाविद और छात्रों के साथ जनसाधारण भी अपने सुझाव भेज सकते हैं ताकि ऐसी परीक्षा प्रणाली विकसित की जाए, जिसमें उच्च शिक्षा की क्वालिटी सुधारने में मदद मिले सके। यूजीसी ने इसके लिए एक कमेटी भी गठित की है, जो सुझावों का रिव्यू करेगी। उसके बाद एक प्रारूप तैयार किया जाएगा। इसमें मूल्यांकन, परीक्षा कराने का तरीका, मॉडल, परीक्षा ऑन डिमांड, ग्रेड या क्रेडिट सिस्टम जैसे बिंदु शामिल हैं। यूजीसी का मकसद परीक्षा का ऐसा प्रारूप तैयार करना है, जिससे उच्च शिक्षा की क्वालिटी बेहतर हो सके। यूजीसी की cflougc@gmail.com मेल आईडी पर कोई भी सुझाव भेज सकता है।
कामन सिलेबस का खाका खींचने वाली समिति के सदस्य रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ल के अनुसार उच्च शिक्षा के सुधार के लिए व्यापक स्तर पर परिवर्तन चल रहे हैं। परीक्षा प्रारूप को बेहतर करने की पहल यूजीसी ने की है। विश्वविद्यालय की तरफ से भी सुझाव भेजे जाएंगे।

इन बिंदुओं पर मांगे गए सुझाव
-परीक्षा प्रणाली के उद्देश्य
-परीक्षा प्रणाली के मॉडल, जिनका भारत में अनुसरण किया जा सके।
- परीक्षा प्रणाली में अपेक्षित संरचनात्मक एवं प्रणालीगत परिवर्तन - परीक्षा प्रणाली में श्रेणी और अंकीकरण जैसे ग्रेड एंड क्रेडिट ट्रांसफर
-संतुलित पद्धति।
-आन डिमांड परीक्षा।
-आंतरिक परीक्षा और बाह्य परीक्षा।
-प्रौद्योगिकीय हस्तक्षेप/प्रौद्योगिकी आधारित अपेक्षित स्वचलन।
-प्रश्न कोष।
-न्यूनतम मानकीकृत संरचना की आवश्यकता।
-डिग्री पाठ्यक्रम के अंत में सभी स्नातक पूर्व छात्रों की क्षमता की जांच।
-मूल्यांकन प्रक्रिया।
-परीक्षा परिणाम की घोषणा।
-अंक तालिका एवं डिग्रियों का प्रदान करना।

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