Laddu Holi 2021 History: क्यों खेली जाती है लड्डू होली? राधा रानी के गांव बरसाना से नंदगांव भेजा जाता है होली निमंत्रण

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Laddu Holi History: क्यों खेली जाती है लड्डू होली? राधा रानी के गांव से नंदगांव भेजा जाता है होली निमंत्रण

Laddu Holi 2021 History देश-दुनिया से लोग राधारानी और श्रीकृष्ण की होली से सराबोर होने के लिए मथुरा आते हैं जहां पर लड्डू होली फूलों की होली लट्ठामार होली और रंगवाली होली का आनंद लेते हैं। जागरण अध्यात्म में आपको बता रहे हैं कि लड्डू होली क्यों मनाई जाती है?

Laddu Holi 2021 History: रंगों का त्योहार होली 29 मार्च को मनाई जाएगी। होली का जिक्र हो और मथुरा की होली के बारे में चर्चा न हो, ऐसा कैसे संभव हो सकता है। देश-दुनिया से लोग राधारानी और श्रीकृष्ण की होली से सराबोर होने के लिए मथुरा आते हैं, जहां पर लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठामार होली और रंगवाली होली का आनंद लेकर उसे जीवनभर के लिए अपनी स्मृतियों में संजोकर रख लेते हैं। आज से मथुरा में होली के उत्सव का प्रारंभ हो रहा है, जिसकी शुरुआत लड्डू होली से होती है। आज बरसाना के लाडिली जी मंदिर में लड्डू होली खेली जाएगी। लड्डू होली का उत्सव बरसाने से होली का निमंत्रण नंदगांव भेजने और वहां से निमंत्रण की स्वीकृति आने की खुशी में मनाया जाता है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको बता रहे हैं कि लड्डू होली क्यों मनाई जाती है?

बरसाना की लड्डू होली

बरसाना की लड्डू होली प्रत्येक वर्ष लाडिली जी मंदिर में आयोजित होती है। राधा रानी के गांव बरसाना में फाग आमंत्रण का उत्सव होता है। 23 मार्च को होने वाली लट्ठामार होली से एक दिन पूर्व आज सोमवार को लाडिली जी के महल से होली का निमंत्रण भगवान श्रीकृष्ण के नंदगांव के नंदभवन भेजा जाएगा। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। हर बार की तरह इस बार भी राधा रानी की दासी फाग का निमंत्रण लेकर नदंगांव जाएगी। वह अपने साथ एक मटके में गुलाल, पान बीड़ा, प्रसाद और इत्र-फुलेल लेकर नंदभवन पहुंचेगी। इस गुलाल को नंदगांव के हर घर में बांटा जाता है।

नंदभवन में राधा रानी की दासी का भव्य स्वागत सत्कार होता है। फाग का निमंत्रण देने के बाद वह दासी वापस बरसाना लौट आती है। फिर शाम को नंदभवन से होली आमंत्रण की स्वीकृति का संदेश लेकर एक पांडा बरसाना पहुंचता है। राधा जी के महल में स्वीकृति का संदेश लाने वाले पांडा का स्वागत सत्कार होता। पांडा को खाने के लिए बहुत सारे लड्डू दिए जाते हैं, जिसे देखकर वह इतना खुश होता है कि नाचने लगता है। वह उन लड्डुओं को खाने की बजाय लुटाने लगता है

इसी परंपरा के तहत आज शाम को लाडिली जी मंदिर में होली निमंत्रण स्वीकृति का संदेशा आएगा और देखते ही देखते टनों लड्डू लुटाए जाएंगे। गीत संगीत और लड्डू होली की अद्भुत दृश्य को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु लाडिली जी मंदिर में आते हैं।

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