नैनीताल में प्रदूषण जांचने के लिए लगी मशीन को सीपीसीबी की मान्यता ही नहीं

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नैनीताल में प्रदूषण जांचने के लिए लगी मशीन को सीपीसीबी की मान्यता ही नहीं

जनवरी में पहली बार पहाड़ यानी सरोवर नगरी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाई गई एयर क्वालिटी मशीन फिलहाल शोपीस बनी हुई है। क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नैनीताल में एयर क्वालिटी मशीन को अभी मान्यता नहीं दी गई।

हल्द्वानी : जनवरी में पहली बार पहाड़ यानी सरोवर नगरी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाई गई एयर क्वालिटी मशीन फिलहाल शोपीस बनी हुई है। क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नैनीताल में एयर क्वालिटी मशीन को अभी मान्यता नहीं दी गई। कुमाऊं के अन्य पर्वतीय जिलों के मुख्यालयों पर भी सिस्टम लगाया जाना है। उसके बाद सीपीसीबी द्वारा आइडी जारी की जाएगी। यही वजह है कि पीसीबी ने नैनीताल में वायु प्रदूषण नापना बंद कर दिया है।

हल्द्वानी स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अंडर में नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर जिले आते हैं। पीसीबी द्वारा कुछ समय पहले तक सिर्फ हल्द्वानी की एयर क्वालिटी का आंकलन किया जाता था। क्योंकि, इसके अलावा कहीं मशीन नहीं थी। बोर्ड मुख्यालय के निर्देश पर ही हल्द्वानी से टीम अपने साथ संसाधन लेकर कुमाऊं की अन्य जगहों पर मानीटरिंग करती थी। हालांकि, जनवरी में नैनीताल में निगरानी की जरूरत को देखते हुए नगर पालिका की छत पर सिस्टम फिट किया गया था। कुछ दिन एयर क्वालिटी चेक करने के बाद अब काम बंद कर दिया गया है। पीसीबी के प्रबंधक चतुर्वेदी ने बताया कि अन्य जगहों पर मशीन लगाने का प्रस्ताव पास हो चुका है। उसके बाद स्टाफ भी मुहैया होगा। तब जाकर सीपीसीबी से मान्यता मिलेगी।

84.7 माइक्रोग्राम प्रदूषण लेवल

जनवरी में एयर क्वालिटी की मॉनीटरिंग करने के दौरान सरोवर नगरी में प्रदूषण का लेवल 84.7 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर सामने आया था। गाडिय़ों का दबाव इसके पीछे मुख्य वजह था।

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