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धान की फसल में वालियां न आने को लेकर उत्तराखंड की सरकारी कंपनी की एक टीम खेतों का निरीक्षण करेगी।
जिले में धान की फसल में वालियां न आने पर संशय बरकरार है। इसको लेकर अब उत्तराखंड की एक सरकारी कंपनी की टीम प्रभावित क्षेत्र में जाकर खेतों का निरीक्षण करेगी। यह टीम इसी सप्ताह मंडी पहुंचेगी। इसके बाद संबंधित क्षेत्रों में जाकर असल कारणों का पता लगाएगी
जिले में धान की फसल में वालियां न आने पर संशय बरकरार है। इसको लेकर अब उत्तराखंड की एक सरकारी कंपनी की टीम प्रभावित क्षेत्र में जाकर खेतों का निरीक्षण करेगी। यह टीम इसी सप्ताह मंडी पहुंचेगी। इसके बाद संबंधित क्षेत्रों में जाकर असल कारणों का पता लगाएगी। धान की फसल में वालिया न आने को लेकर हाल में कृषि विभाग ने सरकार को एक पत्र लिखा था। इसके बाद सरकार द्वारा संबंधित उत्तराखंड की सरकारी कंपनी को पत्र लिख संबंधित क्षेत्र में जाकर खेतों का निरीक्षण करने के लिए कहा था। अब इस पर टीम इसी सप्ताह निरीक्षण करने के लिए पहुंचेगी। इसके बाद ही धान की फसल में बालिया न आने के कारणों का पता चल पाएगा। क्योंकि यह धान का बीज उत्तराखंड की कंपनी द्वारा ही सरकार को सप्लाई किया जाता है। शनिवार को कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक ने भी सरकाघाट में खेतों का निरीक्षण किया था। मंडी जिले के सरकाघाट, पद्धर, धर्मपुर, गोपालपुर सहित अन्य क्षेत्रों में धान की फसल में वालियां नहीं आ रही है। इससे किसान भी परेशान हो गए हैं। नुकसान की चिंता भी बढ़ गई है।
200 क्िवंटल बांटा गया है धान का बीज
कृषि विभाग द्वारा किसानों को 200 क्विंटल उच्च उत्पादक धान बीज बांटा गया है। इस फसल की बिजाई जुलाई महीने में की जाती है। जबकि अक्टूबर में यह पककर तैयार हो जाती है, लेकिन इस बार अक्टूबर के पहले सप्ताह तक धान की फसल पर वालियां नहीं आई है। इससे किसानों की ङ्क्षचता भी बढ़ गई है। क्योंकि अब तक फसल पर बालिया आ जाती थी। किसानों ने कृषि विभाग के द्वारा आबंटित गुणवत्ताहीन बीज पर भी सवाल उठाए हैं।
बारिश न होना बताया है मुख्य कारण
कृषि विभाग ने खेतों में समय पर धान फसल की बिजाई और बारिश न होना मुख्य कारण बताया है। विभाग तर्क है कि इसके कारण भी फसल में बालिया न होना हो सकता है, लेकिन अब उत्तराखंड की टीम इसकी जांच करेगी। इससे पहले भी कंपनी ने कृषि विभाग से किसानों का डाटा मंगवाया था। इस डाटा में किसानों ने किस महीने बीज की खेतों में बिजाई की थी, सभी जानकारी शामिल थी।
कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक डॉक्टर कुलदीप वर्मा ने कहा कि धान की फसल में वालियां न आने को लेकर उत्तराखंड की सरकारी कंपनी की एक टीम खेतों का निरीक्षण करेगी। इसके बाद फसल में वालियां न आने के असल कारणों का पता चल पाएगी। फसल में वालिया न आना के मुख्य कारण बारिश न होना भी हो सकता है।