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दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर 60 किमी लंबी नाली बनेगी।
Delhi-Meerut Expressway यूपी दिल्ली में हुई जोरदार बारिश से एक्सप्रेस वे पर कई जगहों पर कटान की समस्या सामने आई है। जिसे देखकर एनएचआई ने एक्सप्रेस-वे के मेरठ-डासना के बीच खेतों के किनारे दोनों तरफ 30 किमी लंबी कच्ची नाली बनाने का निर्देश दिया है।
मेरठ: यूपी दिल्ली में हुई जोरदार बारिश से एक्सप्रेस वे पर कई जगहों पर कटान की समस्या सामने आई है। जिसे देखकर एनएचआई ने एक्सप्रेस-वे के मेरठ-डासना के बीच खेतों के किनारे दोनों तरफ 30 किमी लंबी कच्ची नाली बनाने का निर्देश दिया है। ताकि खेतों को इससे नुकसान न हो। इसके साथ ही दोनों तरफ 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। एनएचएआइ ने कार्यदायी कंपनी को मानसून आने से पहले यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है
हाल ही में हुई बारिश की वजह से एक्सप्रेस-वे के मिट्टी के किनारे कई जगह कट गए थे। इससे उसकी मिट्टी कटकर खेतों में पहुंच गई थी। एक्सप्रेस-वे की नालियों से पानी होते हुए खेतों में भर गया था। किसानों ने इसका विरोध किया था। ऐसे में अब एनएचएआइ ने इस समस्या के समाधान के लिए ये कदम उठाए हैं। एनएचएआइ के डीजीएम व एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग का कहना है कि जल्द ही इसका कार्य शुरू हो जाएगा। बारिश का मौसम शुरू होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।
पहले विरोध अब खुद चाहते हैं किसान
एक्सप्रेस-वे जब बना तब खेतों की तरफ दीवार खड़ी की जा रही थी। तो किसानों ने विरोध किया। कहीं पर बन गई तो उसे तोड़ दी। एनएचएआइ ने ऐसा इसलिए किया था कि खेतों से जानवर एक्सप्रेस-वे पर न चढ़े। अब बारिश का पानी और मिट्टी खेतों में पहुंचा तो किसानों ने खुद ही एनएचएआइ से दीवार बनाने की मांग रखी।
निरीक्षण में नहीं मिली बड़ी कम
बारिश की वजह से एक्सप्रेस-वे के मिट्टी भराव वाले किनारे कई स्थानों पर कट गए थे। कई स्थानों पर किनारे वाली पटरी के नीचे से मिट्टी खिसक गई थी। मेरठ से लेकर यूपी गेट तक के हिस्से की तस्वीरें वायरल होने लगे। इसको लेकर जब गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा तो एनएचएआइ भी हरकत में आया। बुधवार को दैनिक जागरण में पैकेज दो यानी डासना से यूपी गेट के हिस्से में ज्यादा कमी मिलने की खबर प्रकाशित होने पर बुधवार को एनएचएआइ के डीजीएम व एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग निरीक्षण पर निकले। दोनों पैकेज का उन्होंने निरीक्षण किया।