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RGA news
यमुना प्रदूषण को लेकर आगरा नगर निगम और जल निगम को सु्प्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना होगा।
आगरा में 10 स्थलों से नीरी की टीम ने गुपचुप तरीके से लिए यमुना नदी के पानी के नमूने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होगी रिपोर्ट। यमुना नदी में 90 के करीब गिरते हैं नाले 55 फीसद से अधिक नहीं है टेप।
आगरा। केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि यमुना नदी साफ रहे, इसके लिए हर कोशिश की जा रही है लेकिन जल निगम, यमुना एक्शन प्लान और नगर निगम के अफसरों की लापरवाही आड़े आ रही है। अभी तक सभी नालों को टेप नहीं किया गया है जो नाले टेप भी हुए हैं। उनकी ठीक तरीके से मानीटरिंग नहीं की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) की टीम ने यमुना नदी के दस स्थलों (जहां पर नाले नदी में गिर रहे हैं) में पानी के नमूने लिए गए हैं। इसकी भनक दोनों विभागों के अफसरों को नहीं है। नीरी की रिपोर्ट जल निगम और नगर निगम के गले की फांस बनेगी। क्योंकि जिस तरीके से नालों की सफाई होनी चाहिए। वह नहीं हो रही है। नालों से कूड़ा सीधे नदी में गिर रहा है।
शहर में 90 नाले ऐसे हैं जो यमुना नदी में गिरते हैं। इसमें 50 फीसद नाले टेप नहीं हुए हैं। इन नालों से हर दिन हजारों लीटर गंदा पानी नदी में गिरता है जिसमें कूड़ा भी शामिल होता है। वहीं जो नाले टेप हुए हैं, उनकी ठीक से निगरानी नहीं की जा रही है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नीरी की टीम आगरा आई और कैलाश मंदिर के समीप के नालों, पोइया घाट, हाथी घाट, ताजगंज नाला, मंटोला नाला, महावीर नाला, कचहरी घाट नाला, नगला पैमा के समीप का नाला सहित दस स्थलों में पानी के नमूने लिए गए। जल्द ही टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करेगी।
से टेप नहीं किए गए नाले : पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता का कहना है कि नालों को सही तरीके से टेप नहीं किया गया है। नीरी की टीम ने जो पानी के नमूने लिए हैं। इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी।
कागजों में सब नाले ठीक से हो रहे साफ: कागजों में नाला सफाई ठीक से हो रही है। नगरायुक्त निखिल टीकाराम के आदेश पर 15 अफसरों की टीम नालों की सफाई की जांच के लिए लगाई गई है। यहां तक जिन नालों को साफ दिखाया जा रहा है। वह अंतिम छोर से साफ नहीं हुए हैं।
यमुना नदी में सीधे बह गया लाखों टन कूड़ा : पार्षद रवि माथुर का कहना है कि शहर के नालों की सफाई ठीक से नहीं हो रही है। पिछले दिनों बेमौसम बारिश में लाखों टन कूड़ा सीधे यमुना नदी में गिरा। अगर ठीक तरीके से नाले साफ हाेते से कूड़ा नालों में नहीं बहता। उन्होंने कहा कि नालों की सफाई में लापरवाही बरती जा रही है।
सिर्फ नोटिस-नोटिस खेल रहा यूपीपीसीबी: यमुना नदी में सीधे नाले गिर रहे हैं। नालों की ठीक से सफाई नहीं हो रही है। यह सब जानकारी होने के बाद भी उप्र प्रदूषण् नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) सिर्फ नोटिस-नोटिस खेल रहा है। नोटिस देने के बाद जुर्माना लगाने में देरी की जाती है। यही वजह है कि सरकारी विभागों द्वारा जिस तरीके से इंतजाम नहीं किए जाने चाहिए, वह नहीं किए जा रहे हैंं