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अब इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए सुधारा जाएगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर गुरुवार को नगर निगम डर निकाल दिया है जो 21 जून को खुलेगा। यह राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना का पहला प्रोजेक्ट है।
मेरठ शहर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को अब इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के जरिए सुधारा जाएगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर गुरुवार को नगर निगम ने टेंडर निकाल दिया है, जो 21 जून को खुलेगा। यह राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना का पहला प्रोजेक्ट है।
शासन ने राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत आइटीएमएस प्रोजेक्ट के टेंडर के लिए कुछ दिन पूर्व एक गाइडलाइन जारी की थी। यह मेरठ समेत प्रदेश के छह शहरों के लिए है। इसका पालन करते हुए नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक सेल का गठन किया गया है। गुरुवार को नगर आयुक्त मनीष बंसल के निर्देश पर निर्माण अनुभाग ने आइटीएमएस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाल दिया। निर्माण अनुभाग के अनुसार टेंडर की प्री बिड के लिए जूम मीटिंग तीन जून को होगी। टेंडर 19 जून तक भाग लिया जा सकेगा। टेंडर 21 जून को खोला जाएगा। प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 32 करोड़ रुपये है। जिसके सापेक्ष शासन से 9.51 करोड़ रुपये पहली किस्त नगर निगम को मिल चुकी है। शेष धनराशि प्रोजेक्ट का काम शुरू होने पर मिलेगी।
यह है आइटीएमएस : इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शहर के नौ चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इनकी मदद से जेब्रा क्रासिंग को पार करने पर आटोमेटिक ई-चालान होगा। सीट बेल्ट न लगाने, शराब पीकर वाहन चलाने, ओवरस्पीड पर वाहन की नंबर प्लेट का फोटो क्लिक होकर ई-चालान घर पहुंच जाएगा।
इन चौराहों पर लगेंगे कैमरे : कमिश्नरी चौराहा, तेजगढ़ी चौराहा, हापुड़ अड्डा, बच्चा पार्क, जेलचुंगी, गांधी आश्रम, ईव्ज चौराहा, साकेत समेत कुल नौ चौराहे शामिल ह
टेंडर खुले, एमडीए सड़क बनाएगा और नगर निगम नाला
तीन साल बाद नूर नगर रोड के दिन बहुरने वाले हैं। इसकी सभी बाधा खत्म हो गई है। अब मेवला फ्लाईओवर से नूर नगर पुलिया तक रोड बनेगी और नाला भी बनेगा। नगर निगम व एमडीए ने टेंडर खोल दिए हैं अब ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
एमडीए के निर्माण अनुभाग के अधिकारी के अनुसार टेक्निकल बिड खोल दी है। अब कोई तकनीकी पेंच नहीं रह गया है। ठेकेदार को जल्द ही वर्क आर्डर जारी कर दिया जाएगा। अधिकारी ने ही बताया कि नगर निगम की ओर से नाला बनाने का भी टेंडर हो गया है। वहां भी ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
मख्य बाधा दूर, पार्षद ने जताई खुशी : नूर नगर रोड को बनाने में सबसे बड़ी बाधा थी जल भराव की समस्या का समाधान न होना। एमडीए ने वैसे तो तैयारी पहले ही सड़क बनाने की कर ली थी लेकिन एमडीए ने प्रक्रिया लटका दी थी। एमडीए का कहना था कि जल भराव से सड़क टूट जाएगी। जब तक निगम नाला नहीं बनाएगा तब तक एमडीए सड़क नहीं बनाएगा। इसी नूराकुश्ती में एक साल से ज्यादा निकल गए। नूर नगर क्षेत्र के पार्षद धर्मवीर ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि वह महापौर व नगर आयुक्त का आभार व्यक्त करते हैं। नगर निगम ने नाले का टेंडर निकाल कर ठेकेदार का भी चयन कर लिया है।