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ये हैं कोरोना को दूसरी बार हराने वाले प्रयागराज के अर्थशास्त्री डॉक्टर उमेश प्रताप सिंह।
इविंग क्रिश्चियन कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर उमेश पहली बार पिछले वर्ष संक्रमित हुए तो छठें दिन समझ में आया कि कोरोना है। संयमित होकर इलाज किया और दूसरों का विश्वास बढ़ाने में लगे रहे कि यह साधारण सा बुखार है। इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।
प्रयागराज इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के संघटक महाविद्यालय (इविंग क्रिश्चियन कॉलेज) में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर उमेश प्रताप सिंह ने भी कोरोना वायरस को मात दी है। वह कहते हैं कि दो बार कोविड पॉजिटिव हुआ। हिम्मत और ईश्वर पर भरोसे के कारण में कभी निराश नहीं हुआ।
पहली बार रहा ऐसा अनुभव
बकौल डॉक्टर उमेश पहली बार जब अक्टूबर 2020 में संक्रमित हुआ तो छठें दिन समझ में आया कि कोरोना है। मैं संयमित होकर इलाज किया और दूसरों का विश्वास बढ़ाने में लगा रहा कि यह साधारण सा बुखार है। इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है। दोनों बच्चों को बारी-बारी से 5-6 दिन काफी तेज बुखार रहा। एक दिन रात 12 बजे छोटे बेटे का ऑक्सीजन लेवल 82 तक चल गया। फिर भी न तो घबराया और न ही बेटे का विश्वास कम होने दिया। हालांकि वह सांस नहीं ले पा रहा था और रात भर बैठा रहा। हिम्मत से मैंने लगातार भाप, प्रोन पोजीशन और दवा से उसे नियंत्रित कर लिया। दूसरे दिन दोबारा डॉक्टर को दिखाया।
कोरोना की दूसरी लहर में भी हुए संक्रमित
कोरोना की दूसरी लहर में जब संक्रमण का कहर अप्रैल के पहले सप्ताह में बढ़ा तो सभी लोग डरे सहमे हुए थे। ऐसे में डॉक्टर उमेश सब से यही कहते थे कि सिर्फ सावधानी की आवश्यकता है। 10 अप्रैल को एक मित्र लापरवाही के चलते संक्रमण के कारण अचानक बेहोश हो गए। रात 12 बजे उन्हेंं कोविड अस्पताल में भर्ती कराने जाना पड़ा। उस अस्पताल की उपेक्षा और गड़बडिय़ों के कारण भी वहां एक-दो बार जाना पड़ा। अगले 7-8 दिन भी कई संक्रमित मित्रों और रिश्तेदारों को अस्पताल में भर्ती कराने, सीटी स्कैन कराने या दवा देने जाना पड़ा। इस कारण न सिर्फ वे दोबारा संक्रमित हुए, बल्कि उनकी पत्नी और पुत्र भी संक्रमित हो गए।