

RGA news
अब माता-पिता चार साल या इससे बड़े बच्चे को अपने साथ दुपहिया वाहन पर बैठाकर नहीं ले जा सकेंगे।
अब बाइक स्कूटर या स्कूटी पर चार साल से ऊपर का बच्चा अपने मम्मी-पापा के साथ बैठकर सफर नहीं कर सकेगा। केंद्र सरकार ने सड़क सुरक्षा के तहत नियमों में बदलाव करते हुए चार साल या इससे बड़े बच्चे को पूरी सवारी माना है।
देहरादून अब बाइक, स्कूटर या स्कूटी पर चार साल से ऊपर का बच्चा अपने मम्मी-पापा के साथ बैठकर सफर नहीं कर सकेगा। केंद्र सरकार ने सड़क सुरक्षा के तहत नियमों में बदलाव करते हुए चार साल या इससे बड़े बच्चे को पूरी सवारी माना है। यानी अब दुपहिया पर अगर चार साल से बड़ा बच्चा बैठाना है तो उस पर चालक के अलावा कोई और नहीं बैठ सकता। अभी लोग एक नहीं, दो बच्चों को भी दुपहिया पर बीच में या आगे बैठाकर सफर कर लेते हैं, लेकिन अब परिवहन विभाग और पुलिस इस अपराध में चालान काट सकते हैं।
नए संशोधन के तहत यदि बच्चे की उम्र चार साल से ज्यादा है तो उसे दुपहिया पर हेलमेट भी लगाना होगा। वरना, एक हजार रुपये का चालान कट सकता है। दुपहिया के बढ़ते हादसों के बाद सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर यह फैसला किया है। परिवहन मंत्रालय ने नया संशोधन सभी राज्यों को भेज दिया है और इसे लागू कराने के आदेश दिए हैं। इसलिए उत्तराखंड परिवहन विभाग ने भी इसे लागू करने की तैयारी कर ली है।
इससे पहले 12 साल से ऊपर के बच्चे को पूरी सवारी माना जाता था। अभी तक चार साल से 12 साल तक के बच्चों को आधी सवारी माना जाता था और इसी के तहत सार्वजनिक यात्री वाहनों में उनका आधा किराया लगता था। नए नियम लागू होने के बाद अब चार साल से बड़े बच्चों का यात्री वाहनों में पूरा किराया लगना तय है। यही नहीं दुपहिया के अतिरिक्त कार में भी चार साल से बड़ा बच्चा पूरी सवारी के तौर पर सीटिंग क्षमता के अंतर्गत एक सीट में गिना जाएगा। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194-ए के अनुसार दुपहिया या कार में इस नियम का उल्लंघन करने पर एक हजार रुपये का चालान कट सकता है। दुपहिया पर अगर बच्चे ने हेलमेट नहीं पहना होगा तो उसमें भी एक हजार रुपये चालान का प्रविधान किया गया है।
वहीं, चेकिंग के दौरान अब अगर आपके पास एम परिवहन एप अथवा डिजीलॉकर में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व बीमा है तो पुलिस या परिवहन विभाग मोटर वाहन अधिनियम की धारा-180 के अंतर्गत चालान नहीं कर सकेंगे। पहले कागजात न दिखाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना या तीन महीने की जेल का प्रविधान था। अब चालान की स्थिति में पूरी जानकारी परिवहन पोर्टल पर अपलोड की जाएगी और ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त व रद करने की कार्रवाई भी पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार का आदेश उत्तराखंड में भी लागू किया जाएगा।