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अपनी मांगों को लेकर एनएचएम संविदा कर्मियों ने इस तरह विरोध प्रकट किया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा कर्मियों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम किया। वह सिर्फ आधा दिन ही काम पर रहे। जबकि आधा दिन अपने अनूठे विरोध के चलते वह होम आइसोलेशन में रहे।
देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा कर्मियों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम किया। वह सिर्फ आधा दिन ही काम पर रहे। जबकि आधा दिन अपने अनूठे विरोध के चलते वह होम आइसोलेशन में रहे। जिसका न केवल कोरोना बल्कि तमाम अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी असर दिखा। उन्होंने 31 मई तक काली पट्टी बांधकर कार्य करने का एलान किया है। यदि इस दौरान सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है तो 1-2 जून को कर्मचारी पूरे दिन होम आइसोलेशन पर रहेंगे।
आंदोलन के पहले दिन कोविड वैक्सीनेशन रिपोर्टिग, जिला एवं अन्य चिकित्सालयों के कार्य और एनएचएम के अंतर्गत सभी कार्यक्रमों से संबंधित गतिविधियां बाधित रहीं। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा कि जब तक सरकार संगठन की मांगों पर उचित एवं न्यायसंगत कार्रवाई नहीं करती तब तक पूर्व निर्धारित आंदोलन की गतिविधियां चलाई जाती रहेंगी। उनका कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करना संगठन का लक्ष्य नहीं है। पर पिछले एक दशक से कर्मचारियों के साथ सरकारों एवं मिशन प्रबंधन ने छलावा ही किया है। आज ये परिस्थितियां बनी हैं कि एनएचएम कर्मचारी शोषण से आजिज आ चुके हैं और मजबूरन होम आइसोलेशन पर जा रहे हैं।
ये हैं मांग
- सामूहिक बीमा या गोल्डन कार्ड दिया जाए।
- कोरोनाकाल में हुई मौत पर स्वजन को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी।
- उत्तर प्रदेश की तर्ज पर लॉयल्टी बोनस दिया जाए।
- नियमितीकरण किया जाए।
- समान कार्य समान वेतन।
- एचआर पॉलिसी बनाई जाए।
- आउटसोर्स से एनएचएम में नौकरी न दी जाए।
- एनएचएम के कर्मचारियों को समान पदों पर 50 फीसदी आरक्षण।
- वार्षिक वेतन वृद्धि को न्यूनतम दस फीसद किया जाए।