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RGA news
बुलंदशहर में भाजपा ने घोषित किए प्रत्याशी। अंतुल देवतिया व आशा यादव।
बुलंदशहर में जिला पंचायत में भाजपा के गुरुवार को अंतुल तेवतिया को प्रत्याशी घोषित करने से राजनीतिक गतिविधियां तेज हुई है। सपा-रालोद पहले ही आशा यादव को प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। अब तक की तैयारी बता रही है कि सत्ता व विपक्ष में कांटे की टक्कर होगी।
बुलंदशहर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अध्यक्ष पद पर कब्जे को जोर लेकर आजमाइश शुरू हो गई है। जिला पंचायत में सदस्यों के निर्वाचित होने के बाद जो तस्वीर सामने आई है, उसमें सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, ऊहापोह की स्थिति में है। जीत उसकी होगी, इसे लेकर खुद दोनों खेमे ही अभी मुतमइन नहीं है। जिला पंचायत में भाजपा के गुरुवार को अंतुल तेवतिया को प्रत्याशी घोषित करने से राजनीतिक गतिविधियां तेज हुई है। सपा-रालोद पहले ही आशा यादव को प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। अब तक की तैयारी बता रही है कि सत्ता व विपक्ष में कांटे की टक्कर होगी।
जिला पंचायत में इस बार 52 सदस्य हैं। पिछली योजनाओं की अपेक्षा एक सदस्य इस बार कम हुआ है। ऐसे में जिला पंचायत का सिरमौर बनने को 27 सदस्यों का समर्थन चाहिए। बुलंदशहर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी कांटों भरा ताज है। पिछली योजना की बात करें तो तीन बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव हुआ। प्रदेश में सत्ता के साथ ही अध्यक्ष पद की कुर्सी बदलती रही। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओमबीर सिंह ने आखिरी अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पूरा किया। इस योजना में भी ओमबीर सिंह, पत्नी व बेटे के साथ चुनावी मैदान में थे। वह तीनों की सीट पर चुनाव हार गए। जिला पंचायत की राजनीति के दूसरे दिग्गज हरेन्द्र यादव पत्नी व खुद चुनावी मैदान में थे। हरेन्द्र खुद तो चुनाव हार गए लेकिन पत्नी आशा यादव जीत गईं। जिला पंचायत की राजनीति में हरेन्द्र यादव को पहले से ही अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा था। जिला पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में हरेन्द्र यादव ने पत्नी आशा यादव को अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया। सपा-रालोद ने उन्हें अपना समर्थित प्रत्याशी बनाने की बाकायदा विधिवत घोषणा की।
भाजपा में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को लेकर दावेदारी कई लोगों ने जतायी। इनमें अंतुल तेवतिया, बबीता दहिया व अल्पना सिंह ने दावेदारी की थी। आखिर अंतुल ने बाजी मारी। माना जा रहा है कि जिले में पार्टी के बड़े नेताओं की पसंद अंतुल तेवतिया है। इसी कारण उन्हें हाईकमान ने प्रत्याशी घोषित किया है। फिलहाल, अध्यक्ष पद पर चुनाव में सत्ता पक्ष की ओर से अंतुल तेवतिया व विपक्ष की आरे से आशा यादव पर दांव लगाया गया है। चुनाव आमने-सामने का होगा, या कोई और दावेदार भी सामने आएगा, इस पर सभी की निगाह जमी है। फिलहाल, भाजपा व सपा-रालोद जिला पंचायत सदस्यों को साधने में लगे हुए हैं।