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जलवायु परिवर्तन को लेकर संयुक्त राष्ट्र की समिति ने जाने बच्चों के विचार। फाइल फोटो
जलवायु परिवर्तन से पड़ रहे प्रभाव के मामले में दुनिया भर के बच्चों की चिंताओं से रूबरू होने के लिए संयुक्त राष्ट्र की समिति ने वर्चुअल माध्यम से अलग-अलग देशों के 16 बच्चों को सुना। इन 16 बच्चों में भारत की रिद्धिमा पांडे भी शामिल हैं।
हरिद्वार। जलवायु परिवर्तन से पड़ रहे प्रभाव के मामले में दुनिया भर के बच्चों की चिंताओं से रूबरू होने के लिए संयुक्त राष्ट्र की समिति ने वर्चुअल माध्यम से अलग-अलग देशों के 16 बच्चों को सुना। इन 16 बच्चों में भारत की रिद्धिमा पांडे भी शामिल हैं। समिति ने उनसे भी उनकी चिंताओं के बारे में जाना।
दुनिया भर में सभी बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पांच देशों (अर्जेंटीना, ब्राजील, फ्रांस, तुर्की और जर्मनी) के खिलाफ 2019 में संयुक्त राष्ट्र में बाल अधिकार समिति के तहत 16 बच्चों ने शिकायत दर्ज कराई थी। इन 16 बच्चों की चिंताओं को सुनने के लिए यूएन कमेटी ने 28 मई को शाम साढ़े सात बजे तक सुनवाई की। यह सुनवाई वर्चुअल माध्यम से हुई। यह पहला मौका है, जब समिति ने किसी याचिकाकर्ताओं को अपने सामने विचार रखने का मौका दिया है।
सुनवाई का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रभावों और इसके भविष्य के परिणामों को बच्चो से सीधे सुनना था। उत्तराखंड के हरिद्वार की शिकायतकर्ता रिद्धिमा पांडे ने भी बैठक में भाग लिया और संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति के समक्ष इस संबंध में अपने विचार रखे। रिद्धिमा ने बताया कि किस तरह क्लाइमेट चेंज बच्चों की लाइफ को इफेक्ट कर रहा है और उनका आने वाला भविष्य अंधेरे में है। सरकारें अपनी पैसों की भूख के लिए किस तरह प्रकृति को नुकसान पहुंचा रही है और इसे बचाने में नाकाम हो रही हैं।