कर्णप्रयाग में जलस्त्रोतों के सुंदरीकरण की सुध नहीं

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कर्णप्रयाग में जलस्त्रोतों के सुंदरीकरण की सुध नहीं

संवाद सूत्र कर्णप्रयाग एक ओर जल संरक्षण एवं स्वच्छता को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं। वही

एक ओर जल संरक्षण एवं स्वच्छता को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं। वहीं नगर पालिका क्षेत्र कर्णप्रयाग की प्रारंभिक सीमा में प्राकृतिक जलस्रोत डंपिग जोन में परिवर्तित होने से गंदगी बढ़ती जा रही है। स्थानीय निवासियों ने नगर पालिका प्रशासन से जलस्त्रोत का रखरखाव कर उसके सुंदरीकरण की मांग की है।

दरअसल, लंबे समय से नगर पालिका कर्णप्रयाग की कर्णशिला के समीप पुराना जलस्रोत राहगीरों के लिए पेयजल का जरिया रहा है, जिसके लिए कर्णमंदिर समिति ने कई बार पालिका से सुंदरीकरण करने की मांग उठाई। सुंदरीकरण के नाम पर संपर्क रास्ते व नाली का निर्माण पांच वर्ष पूर्व किया गया, लेकिन स्रोत से निकलने वाले पानी की निकासी को नाले से नहीं जोड़ा गया, जिससे समीप के दुकानों की गंदगी यहां डंपिंग जोन के रूप में बदल गई है। निकासी न होने से मच्छर व मक्खियों का प्रकोप बढ़ती गर्मी के साथ अधिक हो गया है। जलस्रोत से कुछ ही दूरी पर स्वास्थ्य विभाग का ट्रॉमा सेंटर, पुलिस चौकी व होटल संचालित होते हैं। जहां जल संस्थान की पेयजल आपूर्ति बंद रहने पर इसी स्रोत से पानी पहुंचता है। इसी तरह बदरीनाथ राजमार्ग पर गर्मधारा स्त्रोत के पानी की निकासी व सुंदरीकरण न होने से नाली का पानी तैयार सीवर प्लांट तक नहीं पहुंच रहा है। व्यापारी राजेंद्र सिंह, कुंवर सिंह और जगत सिंह ने कहा कि कई स्थानों पर आवासीय भवनों का गंदा पानी नालियों में डाला जा रहा है, जिससे दुकानों में बैठना मुश्किल हो जाता है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अंकित राणा ने बताया कि प्राकृतिक जलस्रोत के सुंदरीकरण के लिए शीघ्र प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

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