पुस्तक और स्टेशनरी कारोबार पर भी कोरोना की मार

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पुस्तक और स्टेशनरी कारोबार पर भी कोरोना की मार

बूढ़नपुर (आजमगढ़) कोरोना के पलटवार ने व्यापार पर काफी बुरा प्रभाव

बूढ़नपुर (आजमगढ़) : कोरोना के पलटवार ने व्यापार पर काफी बुरा प्रभाव डाला है। खासतौर से सीजनल व्यापार है। पुस्तक और स्टेशनरी कारोबारी दो साल से ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा तब तक दुकान खोलने का भी कोई मतलब नहीं होगा।

बूढ़नपुर में स्टेशनरी व पुस्तक व्यवसाय से जुड़ सर्वेश यादव का कहना है कि बीते साल से स्कूल-कालेज बंद होने से व्यवसाय ठप हो गया है।आर्थिक तंगी के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।भरौली बाजार में पुस्तक भंडार के संचालक संतोष पांडेय का कहना है कि अब तो ऐसा समय आ गया है कि हम एक-एक रुपये के लिए परेशान हैं। तीसरी लहर की बात सुनकर तो अब ज्यादा डर लगने लगा है।

रानीपुर किसान बालिका इंटर कालेज के सामने पुस्तक भंडार के संचालक हरिशंकर यादव ने कहा कि लगभग 20 साल से व्यवसाय में ऐसा दिन कभी देखने को नहीं मिला था। घर की पूंजी भी खत्म हो गई, तो लोगों से उधार भी लेना पड़ा।

किसान बालिका इंटर कालेज के सामने पुस्तक की दुकान चलाने वाले सुभाष वर्मा ने कहा कि कोरोना ने तो हमारे व्यापार को पूरी तरह से चौपट कर दिया। गांधी शताब्दी स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोयलसा के सामने पुस्तक की दुकान करने वाले सुमन पांडेय ने कहा कि अब तो समझ में नहीं आ रहा कि क्या किया जाए।

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