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बोर्ड ने प्रधानाचार्यों को सुझाव देने के लिए बोर्ड ने 31 मई अंतिम तिथि निर्धारित की है। सीबीएसई ने सुझाव देने के लिए स्कूलों को ई-मेल आइडी भी उपलब्ध कराई है। साथ ही अपने सुझाव नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन के माई एनईपी पोर्टल पर भी डाल सकते हैं।
गोरखपुर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों में नई शिक्षा नीति को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी प्रधानाचार्यों से सुझाव मांगें हैं। प्रधानाचार्यों से मिले सुझाव को एकत्र कर बोर्ड उसमें से चुनिंदा सुझावों को संकलित करते हुए शिक्षा क्षेत्र में स्थायी और साकारात्मक बदलाव के लिए नई शिक्षा नीति पर एक दस्तावेज तैयार करेगा। जिसे बाद में इसे स्कूलों को भेजेगा। जिससे स्कूलों को नई शिक्षा नति के क्रियान्वयन में सहूलियत होगी।
31 मई तक स्वीकार होंगे सुझाव
बोर्ड ने प्रधानाचार्यों को सुझाव देने के लिए बोर्ड ने 31 मई अंतिम तिथि निर्धारित की है। सीबीएसई ने सुझाव देने के लिए स्कूलों को ई-मेल आइडी भी उपलब्ध कराई है। साथ ही प्रधानाचार्य अपने सुझाव नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन के माई एनईपी पोर्टल पर भी डाल सकते हैं।
नई शिक्षा नीति को स्कूलों में लागू करने में सहूलियत हो इसी उद्देश्य से बोर्ड ने प्रधानाचार्यों से सुझाव मांगें हैं। क्योंकि प्रधानाचार्य ही बता सकते हैं कि नई शिक्षा नीति लागू होने पर उसके अनुसार स्कूल संचालित करने में उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा
इस तरह के सुझाव दे रहे प्रधानाचार्य
नई शिक्षा नीति में कक्षा दस की बोर्ड परीक्षा समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है जो एकेडमिक हित में नहीं हैं। इस पर एक बार पुनर्विचार करने की जरूरत है। नई शिक्षा नीति छात्रहित हैं, लेकिन इसके क्रियान्वयन में परेशानी आएंगी। बोर्ड यदि इसे पहले ही दूर कर लेता है तो बेहतर होगा। सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित का कहना है कि जनपद के सीबीएसई बोर्ड के सभी 117 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को बोर्ड द्वारा मांगें गए सुझाव निर्धारित तिथि तक देने भेजने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि बोर्ड इन सुझावों के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कर सकें।