चौ. चरण सिंह विवि के नए पाठक्रम में अब योगी आदित्यनाथ, बाबा रामदेव व बशीर बद्र

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चौ. चरण सिंह के नए पाठ्यक्रम में सीएम योगी व बाबा रामदेव का योग।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध सभी कालेजों में नई शिक्षा नीति के तहत नए शैक्षणिक सत्र से सीएम योगी आदित्यनाथ योग गुरु बाबा रामदेव ख्यात कलमकार कुंवर बेचैन और बशीर बद्र अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।

मेरठ,चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध सभी कालेजों में नई शिक्षा नीति के तहत नए शैक्षणिक सत्र से सीएम योगी आदित्यनाथ, योग गुरु बाबा रामदेव, ख्यात कलमकार कुंवर बेचैन और बशीर बद्र अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। स्नातक स्तर पर दर्शनशास्त्र के छात्र अब सीएम योगी आदित्यनाथ की लिखी पुस्तक हठ योग स्वरूप व साधना का अध्ययन कर सकेंगे।

दरअसल, प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के लिए स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम में स्थानीय स्तर पर 30 फीसद तक संशोधन करने के लिए विवि में रविवार को बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक हुई। इसमें दर्शनशास्त्र को रोजगारपरक बनाने के लिए अप्लाइड योग को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, पहली बार प्रयोगात्मक परीक्षा को भी शामिल किया गया है। दर्शनशास्त्र के लिए जो विषय सामग्री रखी गई है, उसके लिए योगी आदित्यनाथ की हठ योग पर लिखी पुस्तक को अधिकृत किया गया है। वर्ष 2015 में प्रकाशित 142 पेज की इस पुस्तक में हठ साधना, आसन, प्राणायाम आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। दर्शनशास्त्र विषय के समन्वयक डा. डीएन सिंह ने बताया कि योग और ध्यान के लिए यह पुस्तक स्नातक में तीनों साल के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल में उपयोगी है। दर्शन के अलावा अन्य विषय के छात्र माइनर सब्जेक्ट के तौर पर अगर अप्लाइड योग का कोर्स लेंगे तो उसमें भी इस पुस्तक की विषय सामग्री उपयोगी रहेगी। दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम में योग गुरु बाबा रामदेव की पुस्तक योग साधना और योग चिकित्सा रहस्य भी शामिल की गई है। दर्शनशास्त्र में सदगुरु जग्गी वासुदेव को भी स्थान दिया गया है।

विवि की बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में ख्यात कलमकार बशीर बद्र और कुंवर बेचैन जैसे हिंदी-उर्दू साहित्यकारों को स्नातक वर्ग के लिए उर्दू पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। नए सत्र से बीए उर्दू की पढ़ाई परिसर में भी होगी। बीए उर्दू में गालिब, अल्लामा इकबाल, मीर, पंडित दयाशंकर नसीम, मिर्जा सलामत अली दबीर, इंतजार हुसैन, सर सैयद, प्रेमचंद, इस्माईल मेरठी व बशीर बद्र को शामिल किया गया है। इनके अलावा विष्णु प्रभाकर, कुंवर बेचैन, सुदामा पांडेय को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। बोर्ड आफ स्टडीज बैठक में कालजयी गजलकार दुष्यंत कुमार, शमशेर बहादुर सिंह व गीतकार संतोष आनंद जैसी विभूतियों को बीए हिंदी में दो दिन पूर्व शामिल किया गया था। 

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