सरहदों की निगहबानी को तैयार युवा अफसरों की टोली, 12 जून को भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे 341 कैडेट

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RGA news

सरहदों की निगहबानी को तैयार युवा अफसरों की टोली।

देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगहबानी को तैयार हैं। आगामी 12 जून को 341 कैडेट भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से कड़े प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएंगे। इसके अलावा नौ मित्र देशों के 84 कैडेट भी पास आउट होंगे।

देहरादून। देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगहबानी को तैयार हैं। आगामी 12 जून को 341 कैडेट भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से कड़े प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएंगे। इसके अलावा नौ मित्र देशों के 84 कैडेट भी पास आउट होंगे। पश्चिमी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी लेंगे।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार आइएमए परेड को लेकर कई स्तर पर सावधानियां बरती जा रही हैं। जेंटलमैन कैडेटों के स्वजन इस बार पीओपी में शामिल नहीं हो सकेंगे। वहीं सेना के भी चुनिंदा अधिकारी ही परेड में शिरकत करेंगे। पीओपी से पहले एसीसी की ग्रेजुएशन सेरेमनी, पासिंग आउट बैच की अवार्ड सेरेमनी और कमान्डेंट परेड भी होगी। कोरोनाकाल में यह दूसरा अवसर है जबकि पास आउट हो रहे कैडेटों के स्वजन पीओपी में शामिल नहीं हो सकेंगे। इससे पहले पिछले वर्ष जून में हुई पासिंग आउट परेड में भी कैडेटों के स्वजन शामिल नहीं हुए थे

अकादमी के सैन्य अधिकारियों, प्रशिक्षकों व उनके परिवार के सदस्यों ने पास आउट हो रहे कैडेटों के कंधों पर सितारे चढ़ाए थे। हालांकि इसके बाद दिसंबर 2020 में संक्रमण कम होने से कैडेटों के स्वजन को पीओपी में शामिल होने दिया गया था, लेकिन इस बार देश-प्रदेश में जिस तरह संक्रमण की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है, उसको देखते हुए पासिंग आउट परेड के दौरान बेहद सावधानी बरती जाएंगी। ताकि कोरोना का साया अकादमी पर न पड़ सके।

बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी की वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान है। अकादमी से देश ही नहीं बल्कि मित्र देशों की सेना को भी युवा सैन्य अफसर मिलते हैं। अकादमी में साल में दो बार यानी जून व दिसंबर में पासिंग आउट परेड होती है। अकादमी की स्थापना से लेकर अब तक 60384 जेंटलमैन कैडेट सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट हो चुके हैं। इनमें 34 मित्र देशों को मिले 2572 युवा सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। हाल में 222 विदेशी कैडेट यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

इस स्थिति में हर चौथा कैडेट किसी मित्र देश से है। कोरोना महामारी ने अकादमी के लिए भी गंभीर चुनौतियां पेश कीं, लेकिन आइएमए प्रशासन ने सक्रिय उपायों और अपेक्षित प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू कर कोरोना मुक्त वातावरण सुनिश्चित किया। सैन्य प्रशिक्षण पर भी इसका असर नहीं पडऩे दिया। इस मुश्किल वक्त में कैडेटों का जोश और जज्बा भी बरकरार रहा। बावजूद इसके कि इस दौरान उनके कई अपने भी कोरोना संक्रमित हुए।

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