![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/01_06_2021-maneesh_kasaniyal_21698341.jpg)
RGA news
मनीष की उपलब्धि से जिला सहित प्रदेश गौरवान्वित हुआ है।
अभियान के लिए मनीष 28 मार्च को पिथौरागढ़ से दिल्ली रवाना हुआ। इस अभियान के लिए 12 सदस्यीय दल को चार टीमों में बांटा गया। तीन टीमों ने एवरेस्ट के निकट की तीन चोटियों काआरोहण करना था। मनीष और सुनीता को एवरेस्ट चढऩा था।
पिथौरागढ़ ,पिथौरागढ़ के युवा पर्वतारोही मनीष कसनियाल ने एवरेस्ट फतह की है। मनीष के एवरेस्ट फतह करने की सूचना मिलते ही पिथौरागढ़ सहित पूरे जिले में खुशी व्याप्त है। पिथौरागढ़ के कासनी गांव निवासी एवं आइस संस्था के सदस्य मनीष कसनियाल ने मंगलवारकी सुबह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी 8848 मीटर ऊंची सागरमाथा चोटी पर पहुंच कर देश का झंडा लहराया।
इस दौरान उसके साथ सिक्किम निवासी पर्वतारोही मनीता प्रधान और दो नेपाली शेरपा शामिल थे। इनके एवरेस्ट में चढ़ते ही बेस कैंप से सूचना आइस संस्था को दी गई। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार और भारतीय पर्वतरोहण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मैसिफ एवरेस्ट अभियान के लिए 12 पर्वतरोहियों का चयन हुआ था।
इस अभियान के लिए टीम लीडर मनीष कसनियाल को बनाया गया था। अभियान के लिए मनीष 28 मार्च को पिथौरागढ़ से दिल्ली रवाना हुआ। इस अभियान के लिए 12 सदस्यीय दल को चार टीमों में बांटा गया। तीन टीमों ने एवरेस्ट के निकट की तीन चोटियों काआरोहण करना था। मनीष और सुनीता को एवरेस्ट चढऩा था। एक अप्रैल को इस दल को नई दिल्ली से खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री किरण रिजजु ने हरी झंडी दिखा कर काठमांडू को रवाना किया। तब से दल अभ्यास कर रहा था। एवरेस्ट अभियान के लिए मनीष कसनियाल का दल रविवार रात्रि दस बजे 7900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप चार से एवरेस्ट चोटी फतह को निकले और सुबह पांच बजे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच कर भारत का तिरंगा फहराया।
आइस संस्था से जुड़ा है मनीष कसनियाल
पर्वतरोहण और साहसिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली आइस संस्था से मनीष कसनियाल जुड़ा है। 2008 से इंट्रिंसिक क्लाइंबर्स एंड एक्सप्लोर्स (आइस) से जुडऩे के बाद मनीष ने 2013 में जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग जम्मू कश्मीर से प्रशिक्षण लिया। 2014 में पर्वतारोहण में एडवांस कोर्स किया। इसकेब बाद सर्च सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स और मैथड आफ इंस्ट्रक्शन कोर्स किया। इस बीच उसने प्रमुख चोटियों का आरोहण किया। बीते वर्षो में अति दुर्गम माने जाने वाले नंदा लपाक चढ़ कर सभी को हैरतअंगेज कर दिया। बीते वर्ष आइस की टीम मुनस्यारी के बिर्थी फॉल पर रैपलिंंग कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था। जिसमें मनीष की भूमिका सबसे प्रमुख थी। आइस संस्था के सचिव वासु पांडेय का कहना है कि मनीष में पर्वतारोहण और साहसिक खेलो के नैसर्गिक गुण हैं। उसके एवरेस्ट फतह करने से संस्था गौरवान्वित महसूस कर रही है
मनीष के घर पर खुशी का माहौल
मनीष के एवरेस्ट चढऩे पर जिला मुख्यालय से मात्र तीन किमी की दूरी पर स्थित उसके गांव कासनी में खुशी का माहौल बना है। परिवारजन मनीष की उपलब्धि से गदगद हैं। मनीष के पिता सुरेश कसनियाल का कहना है कि मनीष का बचपन से ही पर्वतारोहण का शौक रहा है। साहसिक खेलों के साथ जनसेवा भी उसे पंसद है। रेडक्रास सोसाइटी से जुड़ कर जनसेवा के कार्य करता रहता है। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी चढऩे से गदगद सुरेश कसनियाल का कहना है कि मनीष की उपलब्धि से जिला सहित प्रदेश गौरवान्वित हुआ है।
पिथौरागढ़ जिले के एवरेस्ट विजेता
1. हरीश चंद्र सिंह रावत निवासी तेजम मुनस्यारी वर्ष 1965
2. पद्मश्री मोहन सिंह गुंज्याल निवासी गुंजी धारचूला वर्ष 1992
3. सविता मर्ताेलिया, निवासी मुनस्यारी 1993
4. सुमन कुटियाल, निवासी कुटी धारचूला 1993
5.पद्मश्री लवराज धर्मशक्तू निवासी बौना, मुनस्यारी वर्ष 1998।
1998 से 2021 तक आठ बार एवरेस्ट आरोहण कर चुके हैं।
6. कविता बूड़ाथौकी निवासी धारचूला वर्ष 2009
7. योगेंद्र गब्र्याल, निवासी धारचूला वर्ष 2017
8. शीतल निवासी पिथौरागढ़ वर्ष 2017
9. करन ग्वाल, निवासी गो , धारचूला
10. मनीष कसनियाल निवासी पिथौरागढ़ 2021