महीनेभर बाद खुले दुकान, चूहों ने किया कपड़ा ‘साफ’, दीमक-सीलन से भी भारी नुकसान

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RGA news

दुकानों की सफाई न होने से भारी नुकसान हुआ है।

मेरठ के बाजारों में दूसरे दिन भी व्यापारियों ने दुकानों की साफ-सफाई की। मंगलवार को घंटाघर केसरगंज और वैली बाजार में दोपहर के समय व्यापारी सफाई में जुटे रहे। कपड़े कटने और सीलव दीमक से कई दुकानों में भारी भरकम नुकसान हुआ है।

मेरठ, शहर के बाजारों में दूसरे दिन भी व्यापारियों ने दुकानों की साफ-सफाई की। मंगलवार को घंटाघर, केसरगंज और वैली बाजार में दोपहर के समय व्यापारी सफाई में जुटे रहे। घंटाघर स्थित नगर निगम की पालिका बाजार में 27 से अधिक दुकानों में पानी के रिसाव से कपड़े भीग गए। इसके अलावा चूहों और दीमक ने भी कपड़ों को नुकसान पहुंचाया।

पालिका बाजार सलवार-सूट और महिलाओं के रेडीमेड परिधानों का शहर में सबसे बड़ा बाजार है। जनपद में छोटे दुकानदार यहीं से कपड़ा ले जाते हैं। यहां दो सौ दुकानें हैं। मंगलवार को जब व्यापारियों ने दुकानें खोलीं तो दुकानों के आगे पानी भरा था। रूपक गारमेंट्स में छत का प्लास्टर उखड़ गया। पैकिंग में पानी चले जाने से कपड़ा भीगा हुआ मिला। महंगे सूटों के बंडलों को सुखाने के लिए दुकानदारों ने अपने घर भेजा। यही हाल कई दुकानों का रहा। बाजार के प्रथम तल पर स्थित नम्रा टेक्सटाइल, खन्ना गारमेंट्स, पवन पुत्र टेक्सटाइल आदि दुकानों में पानी और चूहों के कारण खासा नुकसान हुआ है। पालिका बाजार व्यापार संघ के अध्यक्ष इंतखाब और महामंत्री त्रिलोक जैन ने बताया कि बाजार की मरम्मत के लिए नगर निगम को छह माह पहले ज्ञापन दिया गया था। कहा कि अगर मरम्मत हो जाती तो इतना नुकसान नहीं होता।

मौके पर पहुंचे संयुक्त व्यापार संघ के महामंत्री दलजीत सिंह ने कहा कि नगर आयुक्त से मिलकर बाजार की जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी। वहीं, लालकुर्ती पैंठ बाजार में भी इसी तरह कपड़े की दुकानों में भारी नुकसान हुआ। स्थानीय व्यापार संघ के मंत्री पुनीत शर्मा ने बताया कि हर दुकान में आठ-दस हजार का नुकसान है। तीन दुकानों में सीलन आ जाने से डेढ़-दो लाख का कपड़ा बर्बाद हो गया। वहीं, शहर सराफा में भी व्यापारियों ने दुकानों और शोरूम सफाई की। वैली बाजार, लाला का बाजार में सजावट का सामान बेचने वालों, जूतों की दुकानों में भी नुकसान हुआ। सेंट्रल मार्केट में पंकज गारमेंट्स की दुकान में चूहों ने सूट कुतर दिए। स्थानीय व्यापार संघ के उपाध्यक्ष विजय गांधी ने बताया कि सफाई के लिए करीब 40 प्रतिशत दुकानें खुलीं। यही हाल बेगमपुल और गढ़ रोड का रहा।

स्टेशनरी और बुक शाप में लाखों का नुकसान

दुकानें बंद होने से स्टेशनरी और किताब-कापी विक्रेताओं को भी भारी नुकसान हुआ है। मेरठ बुक सेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष धस्माना ने बताया कि सदर, बुढ़ाना गेट, शास्त्रीनगर में कई बड़े विक्रेता हैं। सीलन व चूहों से कापी-किताबों को नुकसान हुआ है, स्टेशनरी के आयटम भी बेकार हो गए। कहा कि जनपद में 60 से 70 लाख के सामान की बर्बादी हुई है। वहीं, संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि बच्चों की आनलाइन क्लास आरंभ हो गई हैं। ऐसे में दिन में कुछ घंटों के लिए ही सही, किताब-कापियों और स्टेशनरी की दुकानें खोली जानी चाहिए। 

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