न्यायिक काम के लिए आवागमन कर रहे अधिवक्ताओं का चालान करने का बार ने जताया विरोध, डीजीपी को भेजा पत्र

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न्यायिक काम के लिए आवागमन कर रहे अधिवक्ताओं का चालान करने का बार ने जताया विरोध, डीजीपी को भेजा पत्र

कोविड कर्फ्यू के बीच हाईकोर्ट के आदेशानुसार जरूरी कामों के लिए कोर्ट आ जा रहे अधिवक्ताओं को रोकने व उनका चालान करने पर उत्तराखंड बार काउंसिल ने विरोध जताया है। साथ ही इस तरह की कार्रवाई को न्यायिक कार्यों में व्यवधान के साथ कोर्ट की अवमानना करार दिया है।

नैनीताल, प्रदेश में कोविड कर्फ्यू के बीच हाईकोर्ट के आदेशानुसार जरूरी कामों के लिए कोर्ट आ जा रहे अधिवक्ताओं को रोकने व उनका चालान करने पर उत्तराखंड बार काउंसिल ने विरोध जताया है। साथ ही इस तरह की कार्रवाई को न्यायिक कार्यों में व्यवधान के साथ कोर्ट की अवमानना करार दिया है। उत्तराखंड बार काउंसिल ने इस संबंध में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को पत्र भेजकर पुलिस अधीक्षकों व थाना प्रभारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।

हाईकोर्ट समेत राज्य की जिला व अधीनस्थ अदालतों में नियमित कामकाज भले ही बंद था मगर वीसी के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई हो रही है। जमानत व रिमांड के साथ अन्य जरूरी मसले सुने जा रहे हैं। इस वजह से अधिवक्ताओं को अनेक बार फिजिकल रूप से उपस्थित रहना होता है। उत्तराखंड बार काउंसिल को जिलों के बार एशोसिएशन के माध्यम शिकायतें मिली हैं कि अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य के लिए अदालतों के आवागमन के दौरान उनके वाहनों को रोका जा रहा है। उनके वाहनों का बताने के बाद भी चालान किया जा रहा है।

बुधवार को उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य सचिव मेहरबान सिंह कोरंगा ने पुलिस महानिदेशक को कड़ा पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि न्यायिक कार्य के लिए अदालतों तक आवागमन कर रहे अधिवक्ताओं को रोकना व उनका चालान करना न्यायिक कार्यो में अवरोध उत्पन्न करना व कोर्ट की अवमानना है। सचिव ने डीजीपी से अनुरोध किया है कि जिलों के पुलिस कप्तान व थाना प्रभारियों को निर्देशित किया जाए कि वह अधिवक्ताओं के परिचय पत्र देखकर चालान की कार्रवाई नहीं करें, जिससे की न्यायिक कार्यों में अधिवक्ताओं का आवागमन सुचारू हो सके।

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