![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/02_06_2021-book_reading_21701119.jpg)
RGA news
आंबेडकर विवि की प्रतियोगिता में सहभागिता करते चिकित्सक।
पढ़े आगरा बढ़े आगरा कार्यक्रम संपन्न अब तक हजारों लोग कर चुके हैं सहभागिता। लॉकडाउन के चलते संपूर्ण आगरा जिले से प्रतिभागियों ने अपने घरों से व संस्थानों से कार्यक्रम में हिस्सेदारी की। पुस्तकों को पढ़ते हुए सेल्फी खींच कर उसे पढ़े आगरा बढ़े आगरा के अधिकृत नंबर पर भेजा।
आगरा,डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 18वें पढ़े आगरा बढ़े आगरा कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने घरों से ही प्रतिभागिता की। कोविड-19 के इस भयावह प्रकोप में जब सभी परेशान और डरे हुए हैं, जिंदगी रूक सी गई है, एेसे में किताबों से दोस्ती कर आगरा के लोगों ने सकारात्मकता की तरफ कदम बढ़ाया है।
संपूर्ण आगरा जिले से प्रतिभागियों ने अपने घरों से व संस्थानों से कार्यक्रम में हिस्सेदारी की। पुस्तकों को पढ़ते हुए सेल्फी खींच कर उसे पढ़े आगरा बढ़े आगरा के अधिकृत नंबर पर भेजा। 18वें कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले सभी प्रतिभागियों को ई-बैज प्रदान किया जाएगा व उनकी फोटो अधिकारिक वेबसाइट पर भी प्रकाशित की जाएंगी। कार्यक्रम में सिर्फ विश्वविद्यालय के छात्रों ने ही भाग लिया बल्कि जिला प्रशासन व जिले के शिक्षा संवर्ग के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सक्रिय योगदान दिया। लोगों को प्रोत्साहित करने में ईजी डाट के गजेंद्र प्रताप सिंह का विशेष सहयोग रहा।पढ़े आगरा, बढ़े आगरा अभियान ने दूसरे वर्ष में प्रवेश करते हुए इस साल का अगला 19वां कार्यक्रम दो जुलाई, 2021 को आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देशों पर कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के सहयोग से हुई थी। हर महीने की दो तारीख को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के समन्वयक डा. आलोक कुमार ने बताया कि अब तक हजारों छात्र, शिक्षक व अधिकारी इस कार्यक्रम में सहभागिता कर चुके हैं। लाकडाउन से पहले छात्र अपनी कक्षाओं में बैठकर किताबें पढ़ते थे। डा. कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण सभी अपने घरों में हैं, तनाव भी बढ़ रहा है। एेसे में किताबों से दोस्ती उनकी सोच को भी बदल रही है और तनाव को भी कम कर रही है।