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उत्तर प्रदेश में आइटीआइ के स्टूडेंट्स अब आपात काल चिकित्सा की सेवाओं में सहयोग करेंगे, मिलेगा प्रशिक्षण।
यूपी में आपदाकाल में तकनीशियन की कमी न हो इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा परिषद की ओर से तैयारी की जा रही है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अंतिम वर्ष या फिर पढ़ाई पूरी कर चुके आइटीआइ छात्रों को चिकित्सीय प्रशिक्षण देकर उन्हें तैयार किया जाएगा।
लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में अस्पतालों में उमड़ी भीड़ ने सुविधाओं की कलई खोल कर रख दी। आपदाकाल में स्टॉफ के साथ तकनीशियन की कमी से विभाग के अधिकारी भी असहाय नजर आए। ऐसे आपदाकाल में तकनीशियन की कमी न हो इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा परिषद की ओर से तैयारी की जा रही है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अंतिम वर्ष या फिर पढ़ाई पूरी कर चुके आइटीआइ छात्रों को चिकित्सीय प्रशिक्षण देकर उन्हें तैयार किया जाएगा। लखनऊ समेत सूबे की सभी 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में छह ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।आइआइटी कानपुर और कौशल विकास मिशन के सहयोग से प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है। संक्रमण के इस दौर में प्रशिक्षण आनलाइन ही दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत ट्रेडवार जिला के उप चिकित्साधिकारी के निर्देशन में उनकी तैनाती की जाएगी। हालांकि ट्रेडों में ट्रेनिंग कितने दिन की होगी? कैसे चयन होगा? इन सबको लेकर अभी खाका तैयार किया जा रहा है।
इन ट्रेड्रों में मिलेगा प्रशिक्षण
- इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन
- बेसिक- जनरल ड्यूटी असिस्टेंट
- एडवांस क्रिटिकल केयर
- होम हेल्थ एड
- मेडिकल एक्वीमेंट टेक्नोलॉजी असिस्टेंट
- फ्लेबोटोमिस्ट
निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कुणाल शिल्कू ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के निर्देश पर छह ट्रेडों में आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। लखनऊ मंडल के संयुक्त निदेशक एससी तिवारी को प्रशिक्षण का खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया है। आपदाकाल में प्रशिक्षण प्राप्त तकनीशियन चिकित्सालयों में सेवा करके लोगों के इलाज मुहैया कराने में मदद करेंगे।
आइटीआइ की प्रवेश प्रक्रिया: कोरोना संक्रमण काल का असर आइटीआइ प्रवेश पर भी पड़ा है। जून के प्रथम सप्ताह से शुरू होने वाली प्रवेश प्रकिया अब हाईस्कूल में प्रमोट किए गए विद्यार्थियों के परिणाम के बाद शुरू हाेगी। हाईस्कूल की मेरिट के आधार पर आइटीआइ में प्रवेश होता है। अंकपत्र में प्रमोट लिखा होगा तो मेरिट कैसे बनेगी? इसे लेकर भी मंथन चल रहा है। 67 ट्रेडों में प्रदेश की 305 सरकारी आइटीआइ में 1,20575 और 2939 निजी आइटीआइ में 3,71732 विद्यार्थियों का प्रवेश हर साल होता है।