RGA news
एडीए ने करीब 25 साल से अपनी कॉलोनियों में पानी का चार्ज ही नहीं वसूला है।
आगरा विकास प्राधिकरण ने आधा दर्जन से अधिक कालोनियां शहर में विकसित की हैं। एलआइजी एमआइजी सहित अन्य का तय था रेट 25 साल के भीतर आठ करोड़ रुपये नहीं वसूले गए। बैठकों के नाम पर की गई रस्म अदायगी नो ड्यूज प्रमाण पत्र तक नहीं देखा गया।
आगरा, एडीए अफसरों और इंजीनियरों ने सरकारी खजाने लुटवाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। एक दो नहीं पूरे 25 साल तक आधा दर्जन से अधिक क्षेत्रों में पानी का चार्ज नहीं वसूला गया है। यहां तक जो शिकायतें आईं, उनका फर्जी तरीके से निस्तारण कर दिया गया। बैठकों के नाम पर रस्म अदायगी की गई लेकिन कभी पानी का चार्ज वसूलने पर ध्यान नहीं दियागया। बल्िक पानी की आपूर्ति पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए गए। बोरिंग करवाई गई और कर्मचारियों को हर माह वेतन भी दिया गया
एडीए ने आधा दर्जन से अधिक कालोनियां विकसित की हैं। इसमें प्रमुख रूप से नेहरू एंक्लेव, इंद्रापुरम, शहीद नगर, कालिंदी विहार, ताजनगरी प्रथम और द्वितीय सहित अन्य शामिल हैं। इन कालोनियों में ईडब्ल्यूएस, एलआइजी, एमआइजी मकान थे। नियमानुसार भवन स्वामियों से 250 रुपये और 375 रुपये सालाना की दर से पानी का चार्ज वसूलना चाहिए लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दियागया। इसके चलते 25 साल के भीतर एडीए को आठ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यहां तक भवनों के नो ड्यूज प्रमाण पत्र तक जारी कर दिए गए।
आखिर दोषी कौन: 25 साल तक पानी का चार्ज न वसूल पाने का दोषी कौन है। क्योंकि एडीए अफसरों और इंजीनियरों की लापरवाही से सरकारी खजाने का नुकसान पहुंचा है।
यह हैं प्रमुख योजनाएं
योजना का नाम, भवनों की संख्या
- शहीद नगर, 5300
- इंद्रापुरम, 700
- नेहरू एंक्लेव, 400
- ताजनगरी प्रथम, 1800
- ताजनगरी द्वितीय, 300
- जवाहरपुरम, 600
- कालिंदी विहार, चार हजार