![harshita's picture harshita's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-2585-1622647100.jpg?itok=uOzLfLx7)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/04_06_2021-cognress_21706870.jpg)
RGA news
राजस्थान कांग्रेस में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान की समझाने के बाद भी मंत्रियों में टकराव जारी है। सीएम के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश मानने से साफ इंकार कर दिया है। धारीवाल ने डोटासरा से कहा आप मुझे निर्देश देनेवाले कौन होते हैं।
जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमों के बीच पिछले एक साल से खींचतान चल रही है। वहीं अब मंत्रियों का आपसी विवाद सार्वजनिक होने लगा है। मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान की समझाने के बाद भी मंत्रियों में टकराव जारी है। सीएम के विश्वस्त संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश मानने से साफ इंकार कर दिया है।
धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि आप मुझे निर्देश देने वाले कौन होते हैं। मैने बहुत अध्यक्ष देखे हैं, मैं सीएम के अतिरिक्त किसी को नेता नहीं मानता। वहीं खुद को प्रदेश अध्यक्ष बताते हुए डोटासरा ने धारीवाल से निर्देश मानने के लिए बाध्य होने के लिए कहा। लेकिन धारीवाल ने डोटासरा की बात नहीं मानी और शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने नहीं पहुंचे। वे अपने गृह जिले कोटा में ही रहे। जयपुर में उनके स्थान पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया।
दरअसल, कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर डोटासरा ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष व वरिष्ठ नेताओं के साथ शुक्रवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने के लिए कहा था। फ्री वैक्सीनेशन और महंगाई के मुद्दे को लेकर ये ज्ञापन प्रदेश के सभी 33 जिलों में दिए गए। डोटासरा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। दो दिन पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में इसी ज्ञापन को लेकर डोटासरा व धारीवाल के बीच विवाद हुआ था।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हो रही बैठक के दौरान डोटासरा ने फ्री वैक्सीनेशन व महंगाई को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन की बात कही तो धारीवाल ने उन्हे बीच में टोका था। इस पर डोटासरा नाराज हो गए और दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद इस हद तक बढ़ा कि दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दी थी। शुक्रवार को भी धारीवाल ने डोटासरा को साफ संदेश पहुंचा दिया कि वे उनका संदेश मानने के लिए बाध्य नहीं है।
वहीं, डोटासरा ने कोटा जिले में धारीवाल के विरोधियों को संगठन में नियुक्तियां देने को लेकर कसरत शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार धारीवाल ने कोटा में अपने समर्थकों की बैठक में डोटासरा के लिए कहा कि मैने अब तक बहुत अध्यक्ष देखे हैं। मैं उनके निर्देश मानने के लिए बाध्य नहीं हूं।