200 करोड़ की ठगी मामले में  दो बैंकों में जालसाज के नौ खाते सीज

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RGANews

 श्री गंगा इन्फ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राजेश मौर्य ने एक विधायक की शह पर शहर में जालसाजी का जाल बिछा रखा था। पुलिस की छानबीन में पता चला है कि इस कंपनी में विधायक ने भी 50 लाख रुपये लगाए थे। अब पुलिस विधायक से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। उधर, बृहस्पतिवार को पुलिस ने एचडीएफसी और कोटक बैंक में राजेश मौर्य के नौ खातों को सीज करा दिया। वहीं पुलिस ने देर शाम एक जालसाज शिव नाथ मौर्य को पकड़कर जेल भेजा है।

ग्रीन पार्क स्थित श्री गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर एक विधायक का हाथ था। पुलिस की छानबीन में पता चला कि विधायक की मदद से ही जालसाज ने व्यवसायी वर्ग में अच्छी पकड़ बना ली थी। कई रसूखदारों से भी अपनी कंपनी में निवेश करा लिया था, हालांकि अब कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। थाना बारादरी में कंपनी के आठ पदाधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपियों की धरपकड़ की कोशिश में जुटी है, लेकिन अब तक कोई पकड़ा नहीं गया है।

शिव नाथ को भेजा जेल
पीलीभीत बाईपास पर चंद्रगुप्तपुरम कालोनी के रहने वाले राजेश मौर्य, एजेंट अजय मौर्य, मनोज मौर्य, दिनेश मौर्य, सिविल लांइस में वसुंधरा होटल के पीछे रहने वाले विश्वनाथ मौर्य, कृष्णनाथ मौर्य, शिवनाथ मौर्य और संदीप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने शिवनाथ मौर्य को जेल भेजा है।

नौ खाते मिले, लेकिन किसी में बड़ा बैलेंस नहीं
पुलिस जालसाज के नौ खाते ट्रेस कर पाई हैं। अब जांच की जा रही है कि इन खातों के जरिये कहां ट्रांजेक्शन हुए थे। पुलिस को किसी भी खाते में 80 हजार से ज्यादा का बैलेंस नहीं मिला है। वहीं पिछले दो महीनों में किसी भी खाते से रुपयों का लेनदेन नहीं किया गया है। पुलिस के मुताबिक अभी और खाते भी सामने आ सकते हैं।

बरेली से नहीं बना पासपोर्ट
थाना बारादरी के इंस्पेक्टर सतीश कुमार के मुताबिक रमेश मौर्य के नाम से पासपोर्ट कार्यालय से कोई दस्तावेज जारी नहीं हुआ है। यह तय है कि बरेली के पते से उसने पासपोर्ट नहीं बनवाया, लेकिन इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि उसके पास मूल पते पर पासपोर्ट हो। बीते दिनों उसकी अंतिम लोकेशन हल्द्वानी में मिली थी। पुलिस की मानें तो जालसाज ने करीब पांच महीने पहले ही भागने की योजना बना ली थी।

मामले के 68 वादी सामने आए
थाना बारादरी में अब तक 68 वादी सामने आए हैं लेकिन माना जा रहा है कि दर्जनों और लोगों के साथ ठगी हुई है। कई ऐसे बड़े लोग जिन्होंने ब्लैक मनी इन्वेस्ट किया था, वे सामने नहीं आना चाहते हैं। पुलिस की जांच में जालसाजी के 200 करोड़ के होने के साक्ष्य नहीं है। लेकिन ठगी का शिकार हुए लोगों का कहना है कि मामला 200 करोड़ से ज्यादा का है।

एसएसपी कार्यालय पहुंचे लोग बोले- हम बर्बाद हो गए
जालसाजी का शिकार हुए लोगों ने गांधी उद्यान में पोस्टर के साथ इकट्ठा हुए। जिसके बाद सभी एसएसपी कार्यालय पहुंचे। कहा कि इस ठगी की वजह से वे बर्बाद हो गए हैं। प्रभारी एसएसपी सतीश कुमार ने लोगों को जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। बता दें कि अपनी जमा पूंजी गंवा चुके दर्जनों लोगों ने श्री गंगा इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बुधवार को रुहेलखंड चौकी का घेराव किया था।

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