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बस कंडक्टर से दुर्दांत अपराधी और कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी बनने की कहानी को मशहूर लेखक परशुराम शर्मा पर्दे पर उतारेंगे। मुन्ना बजरंगी की कहानी पर फिल्म बनाई जाएगी। परशुराम शर्मा फिल्म के लिए स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डॉयलाग्स भी लिखेंगे।
पौने दो सौ उपन्यास और अंगारा, दारा, जलीकट्टू जैसे कॉमिक किरदारों के जनक परशुराम शर्मा ने बताया कि एक बड़े निर्माता-निर्देशक ने उनसे कहानी लिखने को कहा है। इसलिए वह अपना सारा काम छोड़कर कहानी लिखने लगे हैं। मुन्ना बजरंगी की कहानी को एक पक्षीय नहीं लिखा जाएगा।
एक बस कंडक्टर कैसे सात लाख का इनामी मुन्ना बजरंगी बन जाता है। मुन्ना बजरंगी के बचपन से लेकर दुस्साहिक वारदातों, मुंबई में 10 साल ऑटो चालक बने रहने की दास्तान इसमें रहेगी। लेखक परशुराम शर्मा ने बताया कि फिल्म लिखते समय मुन्ना के परिजनों, दोस्तों, गांववालों,पुलिस अधिकारियों से बात करेंगे।
एक जमाने में परशुराम शर्मा के उपन्यास हाथोंहाथ बिकते थे। इसके बाद कॉमिक्स और परशुराम एक दूसरे के पर्याय बन गए। 60 के दशक से शुरू हुए लुगदी साहित्य में एक के बाद एक कई लेखक आए। कोरे कागज का कत्ल, तलाक-तलाक-तलाक, धारा शून्य उपन्यास काफी लोकप्रिय रहे।
अंगारा-नागराज ने मिली ख्याति :
उपन्यास के बाद परशुराम शर्मा बाल साहित्य लिखने लगे। अंगारा, नागराज, दारा और जलीकट्टू कैरेक्टर गढ़कर देशभर में ख्याति पाई। उनके लिखे कॉमिक्स को बच्चे हाथोंहाथ लेते थे।