27 दिन तक कोविड वार्ड में रहकर बचाई पति की जान, प्राची ने सावित्री बन निभाई जिम्‍मेदारी

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मेरठ में पत्‍नी ने कोविड वार्ड में रहकर सेवाकर पति की जान बचाई।

मेरठ के खरखौदा की एक महिला ने अपने पति के प्राणों को बचाने के लिए कोविड वार्ड में रहकर अपने प्राणों की बाजी लगाकर दिन- रात सेवा की। पति को शुक्रवार को कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया। महिला ने महानिदेशक डा. अश्वनी शर्मा को धन्‍यवाद दिया।

 मेरठ। सावित्री ने अपने पति के के जीवन के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी। यमराज से पति के प्राणों को वापस ले आई थी। ऐसा ही मामला एनसीआर मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में सामने आया है। मेरठ के खरखौदा की एक महिला ने अपने पति के प्राणों को बचाने के लिए कोविड वार्ड में रहकर अपने प्राणों की बाजी लगाकर दिन- रात सेवा की। पति को शुक्रवार को कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया।

हालत गंभीर थी

पांची निवासी श्रवण त्यागी 21 अप्रेल को कोविड पॉजिटिव हो गया था। उसे स्वजनों ने एनसीआर मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया था। उपचार के दौरान 7 मई को उसका आक्सीजन स्तर 28 आ गया। जहां चिकित्सकों ने स्वजन को हालत गंभीर बताकर सूचना दी। सूचना मिलते ही श्रवण की पत्नी मोडिकल कालेज पहुंची। उसने महानिदेशक डा. अश्वनी शर्मा से पति से मिलने की गुहार लगाई। महानिदेशक को पत्र लिखकर अपनी जान दांव पर लगाकर कोविड नियमों का पालन करते हुए कोविड वार्ड में सात मई से लेकर चार जून तक पति की सेवा की।

आत्मविश्वास की प्रशंसा

इस दौरान वह कोविड वार्ड में बने कमरे में रहती थी। शुक्रवार को कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। इस दौरान महानिदेशक ने प्राची के आत्मविश्वास की प्रशंसा करते हुए उसे सावित्री का उदाहरण भी दिया। प्राची ने भावुक होते हुए महानिदेशक डा. अश्वनी शर्मा और समस्त चिकित्सा विभाग का आभार जताया। श्रवण को उसकी पत्नी मेरठ के एक अस्पताल में लेकर गई है। उसका कहना है कि स्वस्थ होने पर ही वह घर लेकर जाएगी। महानदेशक डा. अश्वनी शर्मा का कहना है कि श्रवण की समस्त रिपोर्ट बिल्कुल ठीक है। फेफड़ों में कुछ इन्फेक्शन है। जो जल्दी ठीक हो जाएगा। कोविड न होने पर उसे मेरठ रेफर कर दिया है।

रात को दो बजे गाड़ी लेकर दौड़े महानिदेशक

महिला प्राची त्यागी के आत्मविश्वास को देखकर महानिदेशक डा. अश्वनी शर्मा काफी खुश थे। एक दिन बीच में श्रवण की हालत बिगड़ गई थी। जहां रात को दो बजे मेरठ से गाड़ी लेकर वे उसे देखने पहुंचे। उन्होंने वहां पहुंचकर स्थिति संभाली। प्राची का कहना है कि महानिदेशक के उस कर्ज को उनका परिवार कभी नहीं उतार पाएगा।

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