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इंग्लैड मूल की जोडी अंडरहिल मैक्लोडगंज में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करती हुई।
एक महिला आज से 12 साल पहले इंग्लैंड से मैक्लोडगंज में घूमने आई। कुछ महीने यहां रही ताे उसे अनुभव हुआ कि इस साफ सुथरे क्षेत्र एवं पर्यावरण में कचरे का दाग लगता जा रहा है।
एक महिला आज से 12 साल पहले इंग्लैंड से मैक्लोडगंज में घूमने आई। कुछ महीने यहां रही ताे उसे अनुभव हुआ कि इस साफ सुथरे क्षेत्र एवं पर्यावरण में कचरे का दाग लगता जा रहा है। यह कचरा शहर की खुबसूरती पर बदनुमा दाग तो है ही, बल्कि यहां के पर्यावरण को भी प्रदूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। पराया देश ही सही हो तो गांव ही रहा है, क्यों न इसे साफ सुथरा बनाकर क्षेत्र के पर्यावरण का बचाने का काम किया जाए। एक सोच के साथ काम किया तो कारवां जुड़ता गया। अब 12 सालों में इस विदेशी महिला के साथ कई लोग निस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और इसी काम कर रहे हैं। अब स्थिति यह हो गई है कि मैक्लोडगंज क्षेत्र में स्वच्छता का दूसरा नाम ही इस महिला की फौज वेस्ट वाॅरियर्स है।
जी हां बात हो रही है कि इंग्लैड मूल की जोडी अंडरहिल की। जोडी अंडरहिल 2008 में पहली बार मैक्लोडगंज घूमने आई थी। एक साल यहां करने के बाद उसने यहां स्वच्छता को लेकर काम शुरू किया। इसके लिए उन्हें वेस्ट वॉरियर्स नाम की संस्था बनाई। उसके सार्थक परिणाम आने लगे तो धीरे धीरे अब संस्था की अपनी डंपिंग साइट है। अब यह संस्था न केवल मैक्लोडगंज बल्कि पूरे धर्मशाला शहर की कूड़ा उठाने में योगदान दे रही है।
दलाई लामा कार्यालय से शुरू किया था संस्था ने काम
अप्रैल 2009 में जोड़ी अंडरहिल पहली बार मैक्लोडगंज दलाई लामा निवासी में सफाई अभियान के लिए पहुंची थी। उसके साथ करीब पांच लोग थे। दलाई लामा निवासी में सफाई करते हुए तिब्बती समुदाय व स्थानीय करीब 100 लोग पहले ही दिन उसने सहयोग को जुट गए थे। इसके बाद उन्होंने हर सप्ताह संस्था के स्वयंसेवियों के साथ मिलकर कूड़ा उठाना शुरू किया। अब हर रोज ही यह संस्था डोर टू डोर कूड़ा उठाती है। नगर निगम से उन्होंने इसको लेकर स्वीकृति ली है और क्षेत्र बांटे हैं।
त्रियुंड ट्रैक पर पहली बार वेस्ट वॉरियर्स ने ही लगाए थे कूड़ेदान
त्रियुंड बहुत सालों पुरानी ट्रैकिंग साइट है, लेकिन वहां पहले कूड़ा प्रबंधन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं थी। पर्यटक व ट्रेकर वहां जाते और चारों ओर कूड़ा बिखेरकर आते थे। वर्ष 2015 में पहली बार संस्था ने धर्मकोट गलू से लेकर त्रियुंड तक कई कूड़ेदान स्थापित किए। संस्था के स्वयं सेवी हर सप्ताह जाते थे और त्रियुंड से कूड़ा आकर धर्मकोट वापस लाते थे। इसके बार वन विभाग ने भी यहां स्वच्छता को लेकर कई कार्य किए।
इन कूड़े से सज रहा शहर
संस्था ने अब सिद्धबाड़ी रक्कड़ में अपनी डंपिंग साइट स्थापित की है। इस डंपिंग साइट में सारा कूड़ा लाया जाता है। यहां कूड़े का निस्तारण करके प्लास्टिक की बोलतों को अलग किया जाता है। इस प्लास्टिक की बोतलों से स्वयं सेवी तरह तरह के आकर्षक डिजाइन तैयार करते हैं। मैक्लोडगंज वाइवास, कोतवाली बाजार, नगर निगम कार्यालय धर्मशाला और अन्य स्थलों पर भी संस्था की ओर से बनाए गए डिजाइन स्थापित किए गए हैं।
धर्मशाला में जल्द शुरू होगा मैटिरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर
शहर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने के चलते संस्था धर्मशाला में पहला मैटिरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर स्थापित करने जा रहा है। मैटेरियल रिकवरी फेसेलिटी सेंटर पर शहर से एकत्र कूड़े से अलग किया गया प्लास्टिक, पॉलीथिन, लोहा, कपड़े, जूते चप्पल समेत अन्य प्रकार का ऐसा मैटेरियल एकत्र किया जाएगा। जिसकी रिसाइक्लिंग कर उसे उपयोग में लाया जा सके। इसमें सिर्फ सूखे कूड़े का निस्तारण होगा। शेष गीला कूड़ा खाद के लिए भेजा जाएगा।
कूड़ा रिसाइकिल करने की प्रकिया होगी शुरू
प्रबंधक कमेटी सदस्य वेस्ट वाॅरियर्स इतोशा चटर्जी संस्था लंबे समय से शहर को कूड़ा मुक्त करके यहां के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रही है, जिसके सार्थक परिणाम भी आ रहे हैं। अब संस्था जल्द ही मैटिरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर शुरू करने वाली है, ताकि कूड़ा को रिसाइकल किया जा सके।