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चंडीगढ़ नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग ने यह टेंडर जारी किए हैं।
डीगढ़ प्रशासन द्वारा ग्राम विकास योजना के तहत नगर निगम को दो वर्ष पहले दी गई राशि से यह विकास कार्य किए जाएंगे। इन गांवों का जमीनी सर्वेक्षण कर और निवासियों से बात कर उनकी वास्तविक जरूरत और समस्याओं को जानने के लिए अनुमान तैयार किया गया है।
चंडीगढ़, चंडीगढ़ के गांवों के विकास कार्यों के लिए दस टेंडर आवंटित किए गए हैं। लगभग 15 करोड़ रुपये के जलापूर्ति कार्यों के बाद नगर निगम चंडीगढ़ के इंजीनियरिंग विभाग ने शहर के गांवों के सीवेज सिस्टम और स्टॉर्म ड्रेनेज को मजबूत करने के लिए इन टेंडर को आवंटित किया है। ये 10 टेंडर शहर के 6 अलग-अलग गांवों के हैं, जिनकी अनुमानित राशि 12 करोड़ रुपये से ज्यादा है। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा ग्राम विकास योजना के तहत नगर निगम को दो वर्ष पहले दी गई राशि से यह विकास कार्य किए जाएंगे। इन गांवों का जमीनी सर्वेक्षण कर और निवासियों से बात कर उनकी वास्तविक जरूरत और समस्याओं को जानने के लिए अनुमान तैयार किया गया है।
नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग के कार्यकारी अधिकारी इन सभी कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और आवंटन के बाद इन्हें पूरा करने के लिए कार्य करेंगे। इन दिनों इन गांवों में कोई नगर पार्षद नहीं हैं। इसलिए नामित पार्षदों को इन गांवों की देखभाल करने और अपने निवासियों और उनकी समस्याओं को नियमित रूप से सुनने के लिए जिम्मेदारी दी गई है। मनोनीत पार्षद नियमित बैठक की और गांवों के लोगों ने उन्हें अपनी समस्याएं बताईं, उन्हीं के आधार पर इंजीनियरिंग विभाग ने योजना तैयार की थी।
जिन 13 गांवों की विकास योजना तैयार की गई है उनमें बहलाना, दरिया, धनास, खुड्डा लाहौर, खुड्डा जस्सू, खुड्डा अलीशेर, कैंबवाला, मौलीजागरां, माखन माजरा, रायपुर खुर्द, रायपुर कलां, सारंगपुर और किशनगढ़ शामिल हैं। पहले से ये सभी गांव चंडीगढ़ प्रशासन के पंचायत विभाग के नियंत्रण में थे। नागरिक निकाय प्राधिकरण ने पहले ही इन गांवों के सभी रिकॉर्ड किए गए काम सुनिश्चित करने के लिए अपने कब्जे में ले लिया है।
टेंडर होने के बाद इन गांव में जो समस्या पेश आ रही है उनका समाधान निश्चित माना जा रहा है। लंबे समय से इन गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। पंचायती राज में इन गांव की हालत बद से बदतर स्थिति में पहुंच गई है लेकिन अब थोड़ी उम्मीद जगी है कि इन गांव का विकास कार्य होगा।