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पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है।
हमारी परंपराओं की जड़ें इतनी गहरी हैं जो संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना करती हैं। इसलिए तीज-त्योहारों पर हमारे यहां पेड़-पौधों की पूजा होती है। बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है ताकि हम उसकी सुरक्षा कर सकें।
अलीगढ़ हमारी परंपराओं की जड़ें इतनी गहरी हैं, जो संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना करती हैं। इसलिए तीज-त्योहारों पर हमारे यहां पेड़-पौधों की पूजा होती है। बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है, ताकि हम उसकी सुरक्षा कर सकें। वट सावित्री का व्रत भी उनमें से ही एक है। वट में स्वयं नारायण का वास माना जाता है। प्रकृति के रुप में यदि देख तो यह वट का एक पेड़ सौ पेड़ों के बराबर होता है। घना छायादार होने के चलते इससे तमाम लाभ होते हैं। इसलिए इस बार दैनिक जागरण ने वट सावित्री व्रत के दिन 10 जून को सुहागिनों से वट के एक पौधे को रोपने की अपील की है। शहर में तमाम सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाएं इसके लिए अपील भी कर रही हैं। उनका कहना है कि वह अपने संगठन के माध्यम से अधिक से अधिक वट (बरगद) को रोपने की अपील करेंगी।
इंटरनेट मीडिया पर करें प्रचार
समाजसेवी डा. दिव्या लहरी का कहना है कि हम दिन भर तमाम मैसेज शेयर करते रहते हैं। मगर, अबकी बार हमें वट सावित्री के दिन एक पौधा रोपित करने के लिए मैसेज को शेयर करना है। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दैनिक जागरण की मुहिम का इतना प्रचार-प्रचार करना है कि हर महिलाओं के अंदर बरगद के पौधाें को रोपने की मन में लालसा जागृत हो जाए। व्रत के दिन पौधा रोपना वैसे भी हमारे यहां बहुत अच्छा माना गया है
सपंर्क कर दिया शुरू
महिला पतंजलि योग समिति की जिलाध्यक्ष ज्ञानवती शर्मा ने बताया कि दैनिक जागरण में पहले दिन खबर प्रकाशित होने के बाद ही उन्होंने जिले में महिलाओं को बता दिया था। उसके बाद से वह लगातार उनके संपर्क में हैं। महिलाओं से अभी से वट के पौधे का इंतजाम करने के लिए कह दिया है्, जिससे वह 10 जून को पौधे को रोप सकें। उन्होंने कहा कि व्रत के दिन जो भी सुगाहिनें पौधे को रोपित करेंगी वह उसे सुरक्षित रखने का भी संकल्प जरूर लेंगी। जिले में 100 पौधे भी रोप दिए गए तो बड़ी उपलब्धि होगी।
एक पौधा जरूर लगाएं
माया अवस्थी का कहना है कि हमारे तीज-त्येाहारों में पेड़-पौधों के पूजन का विशेष महत्व है। इसलिए हमें इसके महत्व को समझना चाहिए। दैनिक जागरण की मुहिम को हमें अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचाना चाहिए। हमारे मोबाइल में तमाम ग्रुप हैं, इस संदेश को ग्रुप में भेजकर महिलाओं को प्रेरित करें। उनसे कहें कि 10 जून को वट की शाखाओं को तोड़कर उनकी पूजा न करें, बल्कि वट का एक पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें।