लखनऊ में कैश लोडिंग कंपनी से निष्कासित युवक ने लगाई थी ATM में सेंध, दोस्‍त व उसकी मां समेत तीनों ग‍िरफ्तार

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एटीएम से उड़ाए 11.15 लाख रुपये के साथ मां-बेटे समेत तीन गिरफ्तार।

मड़ियांव पुलिस ने तीनों को दबोचा मोहिबुल्लापुर स्थित बैंक आफ बड़ौदा के एटीएम से उड़ाए थे रुपये। बटवारा करते हुए पुलिस ने तीनों को दबोचा सारा रुपये भी किया बरामद। आरोपित भेजे गए जेल। पुलिस कर्मियों को 20 हजार रुपये का इनाम।

लखनऊ, एटीएम में कैश लोडिंग करने वाली कंपनी से निकाले गए कस्टोडियन ने साथी और उसकी मां के साथ मिलकर मोहिबुल्लापुर स्थित एटीएम से 11 लाख, 15 हजार रुपये उड़ा दिए। पुलिस ने कैश लोडिंग कंपनी सीएमएस इंफो सिस्टम के मैनेजर श्रीकांत मिश्रा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज मां-बेटे समेत तीन आरोपितों को रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एटीएम से निकाला गया सारा कैश और तीन मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है। गिरफ्तारी की टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।

एक खाली प्लाट में चोरी के रुपयों को कर रहे थे बटवारा

डीसीपी रईश अख्तर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में गोमतीविहार फैजुल्लागंज निवासी शैलेंद्र सिंह उसकी मां नन्हीं सिंह (मूल निवासी बहादुरपुर नीमगांव लखीमपुर खीरी) साथी रवि सिंह चौहान निवासी खानीपुर मड़ियांव है। तीनों बीते 18 मई को मोहिबुल्लापुर स्थित एटीएम में गए थे। रवि और नन्हीं बाहर खड़ी थी। शैलेंद्र एटीएम के अंदर गया। उसने एटीएम की कैश ट्राली का कोड डाला। यह कोड उसे रवि ने बताया था। क्योंकि रवि को कोड पता था। रवि गोमतीनगर विराजखंड स्थित सीएमएस इंफो सिस्टम कैश लोडिंग कंपनी में नौकरी करता था। कुछ माह पहले उसे निकाल दिया गया था। कंपनी के कर्मचारी 20 मई को जब पहुंचे और चेक किया तो कैश कम मिला। इसके बाद मैनेजर ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। एक खाली प्लाट में तीनों रुपयों का बटवारा कर रहे थे, इस बीच पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उन्हें दबोच लिया।

कंपनी के नए कस्टोडियन की लापरवाही से हुई घटना

इंस्पेक्टर मड़ियांव मनोज कुमार सिंह के मुताबिक चोरी की घटना कंपनी के नए कस्टोडियन की लापरवाही के कारण हुई है, जो रवि के निकालने जाने के बाद रखा गया। एटीएम में कैश ट्रे में जब रुपये डाले जाते हैं तो उसका कोड कस्टोडियन के पास होता है। मोहिबुल्लापुर स्थित बैंक आफ बड़ौदा के एटीएम रुपये डालने का काम सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी द्वारा ही किया जाता है। चूंकि नौकरी के दौरान यहां पर रुपये डालने आता था इस लिए उसे कोड की जानकारी थी। नियमतः जब किसी कैश लोडिंग कंपनी का कर्मचारी नौकरी छोड़ता है तो एटीएम की कैश ट्रे का कोड बदल दिया जाता है। रवि के स्थान पर जो कर्मचारी कंपनी कस्टोडियन का काम कर रहा था। उसने कोड नहीं बदला इस कारण चोरी हुई। कंपनी का मैनेजर का दावा है कि उनके कई अन्य एटीएम से भी रुपये चोरी हो चुके हैं। कंपनी के नए कस्टोडियन की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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