बरेली में हो रही मेरठ और पीलीभीत के किसानों के धान की खरीद, जानें जांच में क्या निकला

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जांच में मेरठ समेत अन्य जिलों के किसान बरेली के ही पाए गए हैं।

धान खरीद में लापरवाही की शिकायतें गेहू्ं खरीद के समय आ रही है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी को मिली शिकायत में पिछले सत्र में डेलापीर नरियावल समेत अन्य मंडियों में पीलीभीत व मेरठ समेत कई दूसरे जिलों के किसानों की धान बरेली में खरीदे जाने की बात कही गई थी

बरेली,धान खरीद में लापरवाही की शिकायतें गेहू्ं खरीद के समय आ रही है। मिली शिकायत की जांच कराने पर लगाए गए आरोप गलत पाए गए हैं। जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती को मिली शिकायत में पिछले सत्र में डेलापीर, नरियावल समेत अन्य मंडियों में पीलीभीत व मेरठ समेत कई दूसरे जिलों के किसानों की धान बरेली में खरीदे जाने की बात कही गई थी। जिसकी जांच में मेरठ समेत अन्य जिलों के किसान बरेली के ही पाए गए हैंं

उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने शिकायत में ही कहा है कि पड़ोसी जनपद के किसानों का धान खरीदा जा सकता है, लेकिन बरेली में यहीं के किसानों से ही खरीद की गई है। जबकि आरोप लगाया गया है कि जिन लोगों का धान बरेली में खरीदा गया है उनमें अधिकांश किसान न होकर बिचौलिए हैं। जिन्हें अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों क्विंटल धान खरीदा गया है। जिसके चलते शासन से मिला लक्ष्य भी समय से पहले ही पूरा हो गया। जिसके चलते बड़ी संख्या में स्थानीय किसान बिक्री से रह गए। वहीं पूरे मामले में जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती का कहना है कि लगाए गए आरोप निराधार है, फिर भी मामले की एक बार जांच कराई जाएगी।

खुरपका की सवा लाख एफएमडी वैक्सीन होगी नष्ट : पशुओं की खुरपका-मुंहपका रोक से बचाने के लिए बरेली में सवा लाख एफएमडी वैक्सीन बरेली पहुंची थी। स्टोर से बाहर आने से पहले केंद्र सरकार से मिली वैक्सीन के अधोमानक मिलने पर शासन को वापस भेजने की तैयारी की जा रही है। पिछले साल टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। प्रदेश के 46 जिलों में 78 लाख 75 हजार डोज वैक्सीन की भेजी गई। बरेली में 1 लाख 25 हजार वैक्सीन पहुंची। केंद्र सरकार की तरफ से वैक्सीन की आपूर्ति नेफेड ने की। वैक्सीन का निर्माण इंडियन इम्यूनोलॉजिकल सेंटर हैदराबाद ने किया। अभियान शुरू होने के बाद वैक्सीन जांच में अधोमानक पाई गई। इसके बाद वैक्सीन को नष्ट करने का प्रोटोकॉल जारी किया गया है।मुख्य पशु चिकित्याधिकारी एलके वर्मा ने बताया कि वर्जन एफएमडी वैक्सीन की सवा लाख डोज बरेली को मिली थी। उन्हें नष्ट कराने का प्रोटोकाल आया है। प्रदेश स्तर पर यह कवायद हुई है। 

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