राज्य की आपदा एवं पुनर्वास नीति 2011 में होगा संशोधन

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राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत। फाइल फोटो

प्रदेश सरकार आपदा एवं पुनर्वास नीति 2011 में संशोधन की तैयारी कर रही है। राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत ने विभागीय सचिव एस मुरुगेशन को नीति में संशोधन करने के साथ ही इसे कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

 देहरादून राज्य में आपदा से प्रभावित गांवों एवं परिवारों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार आपदा एवं पुनर्वास नीति 2011 में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसमें पुनर्वास के नियमों को शिथिल किया जाना प्रस्तावित है। राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत ने विभागीय सचिव एस मुरुगेशन को नीति में संशोधन करने के साथ ही इसे कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आपदा पुनर्वास के संबंध में हुई बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों द्वारा पुराने व आधे-अधूरे आंकड़े प्रस्तुत करने पर नाराजगी जताते हुए भविष्य में पूरी जानकारी के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए।

सोमवार को आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में आपदा पुनर्वास के संबंध में बैठक हुई। इसमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों के सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों के विधायक मौजूद रहे। बैठक में उपस्थित विधायकों ने आपदाग्रस्त गांवों एवं परिवार के शीध्र विस्थापन की मांग करते हुए नियमों में शिथिलता लाने के सुझाव दिए। विभागीय मंत्री ने विधायकों को भरोसा दिया कि आपदा एवं पुनवार्स नीति के संशोधन के दौरान विधायकों व विशेषज्ञों के सुझाव शामिल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में पुनर्वास नीति लागू होने के बाद प्रदेश में अब तक कुल 43 गांवों के 1086 परिवारों का विस्थापन हो चुका है। जिसमें कुल 45.63 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा चुकी है।

विभागीय सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि वर्ष 2020-21 में छह जिलों के 258 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। इनमें टिहरी के 92, उत्तरकाशी के 91, चमोली के 18, नैनीताल के एक, बागेश्वर के चार और पिथौरागढ़ के 52 परिवार शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी तीन जिलों के 129 परिवारों का विस्थापन किया गया है। इनमें अल्मोड़ा के चार, उत्तरकाशी के 94 और पिथौरागढ़ के 31 परिवार शामिल हैं।

बैठक में कपकोट विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, पुरोला विधायक राजकुमार, बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, थराली विधायक मुन्नी देवी, घनसाली विधायक शक्ति लाल, धारचूला विधायक हरीश धामी समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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