बुलंदशहर की बिबकोल कंपनी के प्रोजेक्‍ट हेड वैक्सीन मैन बैंजवाल का निधन, ब्‍लैक फंगस से थे पीड़ित

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बुलंदशहर की बिबकोल कंपनी के हैं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बैंजवाल का निधन।

अभी हाल ही में फेफड़ों में दिक्कत के बाद कोवैक्सीन बनाने के प्रोजेक्ट हेड चंद्र वल्लभ बैंजवाल को पहले नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था यहां उपचार के बाद उनकी हालत सुधरी तो वह ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए थे।

बुलंदशहर, वैक्सीन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले और कोरोनारोधी स्वदेशी टीका कोवैक्सीन बनाने के प्रोजेक्ट हेड चंद्र वल्लभ बैंजवाल का रविवार सुबह चार बजे हार्ट अटैक से निधन हो गया। कोरोना होने के बाद वह ब्लैक फंगस से पीड़ित थे और आंख-नाक की सर्जरी भी चुकी थी। उनके निधन के बाद जिले के चौला क्षेत्र में शुरू करने जा रही स्‍वदेशी कोरोना वैक्‍सीन की बिबकोल कंपनी को झटका लगा है।

26 को हुआ था कोरोना

मूल रूप से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के रहने वाले चंद्र वल्लभ बैंजवाल अब परिवार के साथ नोएडा में रहते थे थे। उनके बेटे ने दिल्ली से बीबीए किया है जबकि बेटी गुड़गांव में मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती है। बुलंदशहर के चौला क्षेत्र में शुरु होने जा रही कोवैक्सीन फैक्ट्री में बैंजवाल बतौर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थे। एसोसिएन प्रेसिडेंट सुनील शुर्मा ने बताया कि 26 अप्रैल को बैंजवाल कोरोना पीड़ित हो गए थे। उन्हें नोएडा के प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

दिल्‍ली मैक्‍स में थे भर्ती

उपचार के दौरान ही उन्हें ब्लैक फंगस हो गया तो 24 मई को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा था। मैक्स अस्पताल में चिकित्सकों ने की टीम ने इनकी आंख व नाक की सर्जरी की। अब धीरे-धीरे स्वास्थ्य स्थिर हो रहा था लेकिन रविवार सुबह चार बजे अचानक हार्ट अटैक होने से उनका निधन हो गया। उन्होंने बताया कि बैंजवाल के निधन से कोवैक्सीन प्रोजेक्ट को झटका लगा है, संभवत: जो काम सितंबर में शुरू होना था, उसमें कुछ वक्त लग सकता है।

लगातार बीमारियों से जूझ रहे थे

वैक्सीन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले बैंजवाल इन दिनों कोरोना वायरस के साथ ही ब्लैक फंगस से भी जूझ रहे थे। वह बुलंदशहर की बिबकोल (भारत इम्यूनोलाजिकल्स एंड बायोलाजिकल्स कारपोरेशन लिमिटेड) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। पहले कोविड संक्रमण, फिर ब्लैक फंगस की चपेट में आए बैंजवाल का परिवार व बिबकोल के अधिकारी उनकी सेहत को लेकर फिक्रमंद थे। लंबे समय से कोविड के चक्रव्यूह में फंसे बैंजवाल के बीमार होने से बिबकोल में कोवैक्सीन निर्माण प्रोजेक्ट भी फंसा था। हालांकि कंपनी की दूसरी पंक्ति कोवैक्सीन उत्पादन की तैयारी में लगी है।

कोवैक्सीन उत्पादन की मिली अनुमति

बिबकोल को कोवैक्सीन बनाने की अनुमति दी गयी है, इसका एमओयू भी साइन हो चुका है। सरकार ने बिबकोल को 30 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई थी। बिबकोल में कोवैक्सीन उत्पादन की अनुमति में चंद्र वल्लभ बैंजवाल की बड़ी भूमिका रही। पीएमओ, सेंट्रल साइंस एंड टैक्नोलाजी मिनिस्ट्री व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में उन्होंने बिबकोल का पक्ष रखा। पोलियो टीके में बिबकोल के बेहतरीन प्रदर्शन को सामने रखते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह सरकारी उपक्रम देश को बेहतर व सस्ती कोवैक्सीन दे सकता है।

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