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अब विधवा महिलाएं भी स्वरोजगार अपनाकर अपने परिवार का विकास कर सकती हैं।
लोन स्कीम का लाभ लेने वाली महिला की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए मसाला यूनिट डोना बनाना रेडीमेड गारमेंट्स ब्यूटी पार्लर आटोरिक्शा परचून की दुकान कास्मेटिक दुकान बुटीक स्कूल यूनिफार्म बैग बनाना व अचार बनाना आदि का प्रशिक्षण भी लिया होना चाहिए।
रोहतक, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है। अनेक महिलाएं सरकार की ओर से इस दिशा में चलाई जा रही योजनाओं को फायदा भी उठा रही हैं। इतना ही नहीं कुछ तो दूसरों को रोजगार तक मुहैया करा रहे हैं। अब विधवा महिलाएं भी स्वरोजगार अपनाकर अपने परिवार का विकास कर सकती हैं। सरकार उनको ऋण उपलब्ध कराने में मदद भी करेंगी।
हरियाणा महिला विकास निगम की ओर से राज्य की विधवा महिलाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय करने के लिए बैंक के माध्यम से तीन लाख रुपये तक का ऋण आसान किस्तों में कम ब्याज पर उपलब्ध करवाया जाता है। पात्र महिलाएं सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकती हैं।
विधवा महिलाओं को बैंकों के माध्यम से तीन लाख रुपये तक के बैंक ऋण के ऊपर ब्याज की प्रतिपूर्ति हरियाणा महिला विकास निगम की ओर से अनुदान के रूप में अदा की जाएगी। जिस की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये लोन की अवधि तीन वर्ष जो भी पहले होगी ब्याज सब्सिडी दी जाती है। इन पैसों से महिला अपना खुद का गुजारा कर सकती हैं।
तीन लाख रुपये से अधिक न हो आय :
जानकारों के मुताबिक इस योजना का लाभ लेने वाली महिला की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए मसाला यूनिट, डोना बनाना, रेडीमेड गारमेंट्स, ब्यूटी पार्लर, आटोरिक्शा, परचून की दुकान, कास्मेटिक दुकान, बुटीक, स्कूल यूनिफार्म, बैग बनाना व अचार बनाना आदि का प्रशिक्षण भी लिया होना चाहिए।
सरकार की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब विधवा महिलाओं के लिए भी तीन लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा दी जा रही है। उनको भी सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाना चाहिए और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाना चाहिए।