इटावा में सपा नेता धर्मेंद्र यादव गिरफ्तार, कोर्ट में सरेंडर करने से पहले पुलिस ने पकड़ा

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RGA न्यूज़

इटावा पुलिस को मिली बड़ी सफलता ।

सपा युवजन सभा के औरैया जिलाध्यक्ष जमानत पर जेल से छूटकर बाहर आए थे तो समर्थकों ने जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होने के चलते नेशनल हाईवे पर वाहन जुलूस निकालकर स्वागत किया था। इसपर पुलिस ने दो सौ लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।

इटावा, इटावा और औरैया पुलिस के लिए चुनौती बन चुके सपा नेता धमेंद्र यादव को आखिर गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट में सरेंडर करने जाने से पहले पुलिस ने सपा नेता को पकड़ा है, उसपर औरैया पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया था। जेल से रिहा होने के बाद जुलूस निकालने को लेकर दर्ज मुकदमे में अबतक पुलिस 39 लोगो कों पकड़ चुकी है और 29 वाहन जब्त कर चुकी है। वहीं लापरवाही पर सात पुलिस कर्मी भी निलंबित किए जा चुके हैं।

जेल से रिहाई पर निकाला था हूटर जुलूस

गैंगस्टर के मामले में जेल में बंद सपा युवजन सभा (सयुस) औरैया जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव की पांच जून को जमानत पर रिहाई हुई थी। पंचायत चुनाव के दौरान गिरफ्तार होने पर धर्मेंद्र यादव ने जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा था और जिला पंचायत भाग्यनगर विकासखंड चतुर्थ सीट से जीत दर्ज की थी। जेल से छूटने पर समर्थकों ने उनका स्वागत करते हुए जुलूस निकाला था। हाईवे पर हूटर बजाते काफिले का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अफसर हरकत में आए थे और इटावा एसएसपी के आदेश पर दिबियापुर थाना पुलिस ने धर्मेंद्र यादव समेत दो सौ के खिलाफ कोविड-19 के उल्लंघनए आपदा प्रबंधन, महामारी अधिनियम व 7 सीएलए एक्ट में मुकदमा दर्ज 

अब तक 39 की गिरफ्तारी और 29 वाहन हुए सीज

पुलिस ने हाईवे के सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो की जांच के बाद जुलूस शामिल लोगों की पहचान शुरू की थी। इटावा और औरैया के कई ठिकानों पर धर्मेंद्र यादव की तलाश के साथ दबिश देकर अबतक 39 लोगों को गिरफ्तार किए जाने के साथ 29 वाहन सीज किए हैं। इटावा पुलिस ने आगरा, फीरोजाबाद, कानपुर देहात, जालौन व मध्य प्रदेश के भिंड तक धर्मेंद्र यादव की तलाश में छापेमारी की थी। इटावा से 28 और औरैया से 14 वाहन बरामद तथा इटावा से 34 और औरैया से 12 लोगों को पकड़ा था। वीडियो से पहचान के बाद आरोपितों पर कार्रवाई की थी।

सीओ का तबादला और सात पुलिस कर्मी हुए निलंबित

पूरे प्रकरण को शासन स्तर पर संज्ञान लिए जाने के बाद रिपोर्ट तलब की गई थी। इसमें पुलिस की निगरानी के बावजूद जुलूस निकाले जाने पर लापरवाही उजागर हुई थी। एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने एएसपी नगर प्रशांत कुमार से जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट में लापरवाही के दोषी मिले सात पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई थी। इसमें प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन ओम प्रकाश पांडेय, एलआइयू के प्रभारी निरीक्षक पुनीत कुमार शर्मा, प्रभारी चौकी जेल उपनिरीक्षक भानु प्रताप सिंह, चौकी प्रभारी महेवा विष्णु कांत तिवारी, हैडकांस्टेबल ट्रैफिक योगेश कुमार, कां. ट्रैफिक अजय कुमार व बृजपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया और सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह का स्थानांतरण किया गया था। भानु प्रताप सिंह को पहले ही निलंबित किये गए थे।

धर्मेंद्र की सरगर्मी से थी तलाश

जेल से जमानत पर छूटते ही फिर मुकदमा दर्ज होने से धर्मेंद्र यादव की मुश्किलें बढ़ गई थीं। पुलिस से गिरफ्तारी से बचने के लिए धर्मेंद्र यादव राजनीतिक आकाओं की शरण में चले गए थे लेकिन पुलिस का लगातार दबाव बनने पर धर्मेंद्र ने अदालत में समर्पण की तैयारी की थी। सोमवार को धर्मेंद्र के अदालत में सरेंडर की भनक पुलिस को लग गई थी और पूरी जाल बिछा लिया गया था। सपा नेता धर्मेंद्र के अदालत पहुंचकर सरेंडर करने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उसे सिविल लाइन थाने ले गई और पूछताछ कर रही है।

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