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प्रयागराज से मेरठ तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के बीच हजारों फलदार पेड़ों को भी काटा जाएगा।
प्रयागराज के डीएफओ रमेशचंद्र ने बताया कि प्रयागराज-मेरठ गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण होना है। इसकी चपेट में हजारों पेड़ भी आएंगे। हालांकि अभी निश्चित पेड़ों की संख्या की जानकारी नहीं है। इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है।
प्रयागराज, प्रयागराज-मेरठ गंगा एक्सप्रेस-वे यूपी सरकार का प्रोजेक्ट है। महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण सितंबर-अक्टूबर से शुरू कराने की सरकार ने घोषणा की है। इसको लेकर प्रयागराज से मेरठ तक सभी 12 जनपदों में जमीन खरीद का काम अचानक तेज कर दिया गया है। वहीं रास्ते में पड़ने वाले पेड़ों को काटा जाएगा।
एक्सप्रेस-वे के तहत सर्वे के बाद पेड़ों को काटा जाएगा
आधुनिकीकरण की होड़ में गंगा एक्सप्रेस-वे के इस प्रोजेक्ट के तहत प्रयागराज जनपद में करीब 4500 हरे पेड़ भी इसकी चपेट में आएंगे। वन विभाग की ओर से सर्वे किया जा रहा है। इसके बाद पेड़ों को काटा जाएगा। फलदार और छायादार पेड़ की कटाई से वायुमंडल की ऑक्सीजन स्तर पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
प्रयागराज के इन गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी
मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए प्रयागराज 12वां जिला है। स्थानीय जिला प्रशासन ने यह जमीन अधिग्रहण के लिए सूचना जारी कर दी है। किसानों को मुआवजा भी दिया जाएगा । हालांकि इन सबके बीच हरे पेड़ों के जीवन पर संकट गहरा गया है। बारी गांव, सराय नंदन उर्फ समसपुर, सराय मदन सिंह उर्फ चांटी, सराय भरत उर्फ होलागढ़, सराय हरीराम, खेमकरनपुर , माधवपुर मलाक चतुवी, सराय अर्जुन उर्फ हरिमंडला, जलिया साई, परसोपुर नारी, तरपी, कमलपुर, फतेहपुर तालुका, मालापुर, रोही, गिरधरपुर गोड़वा, लखनपुर पूरन, पूर्व नारा और पश्चिम नारा गांव की जमीन अधिग्रहीत की जानी है।
डीएफओ बोले- एक्सप्रेस वे के लिए सर्वे हो रहा है
इस एक्सप्रेस-वे की जद में प्रयागराज में 30 से 40 हेक्टेयर क्षेत्रफल का बाग भी आ रहा है। इस बाग में करीब साढे चार हजार फलदार और छायादार पेड़ हैं। डीएफओ रमेशचंद्र के मुताबिक, गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण होना है। इसकी चपेट में हजारों पेड़ भी आएंगे। हालांकि अभी निश्चित पेड़ों की संख्या की जानकारी नहीं है। इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है।