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बरेली में सिल्ट से पटे नाले, कागजों में हुई सफाई
दो दिन हुई बारिश के बाद शहर का कोई कोना ऐसा न था जहां लोग जलभराव के चलते परेशान न हुए हों। वह भी तब जबकि नगर निगम के ठेकेदार कागजों में उन नालों को साफ बता चुके हैं जिनमें गंदगी भरी होने के चलते शहरवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा।
बरेली, दो दिन हुई बारिश के बाद शहर का कोई कोना ऐसा न था, जहां लोग जलभराव के चलते परेशान न हुए हों। वह भी तब, जबकि नगर निगम के ठेकेदार कागजों में उन नालों को साफ बता चुके हैं, जिनमें गंदगी भरी होने के चलते शहरवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। डेलापीर, संजयनगर समेत कई इलाकों में तो सड़कों से लेकर घरों के भीतर तक लोग उफनाए नालों के पानी से जूझ रहे थे। RGA न्यूज़ ने नालों की सफाई की हकीकत की पड़ताल की तो हर नाला सिल्ट से पटा दिखा। स्पाट एक : पटेल चौक का नाला
नाला का स्लैप टूटा हुआ था। अंदर कूड़े से नाला पटा हुआ था। शहर के मुख्य चौराहा के पास के नाले को ठेकेदार से साफ कराया जा चुका है। स्पाट दो : सिकलापुर फर्नीचर मंडी के पास वाला नाला
जलभराव से जुझने वाले सिकलापुर में नाला पर कूड़े के ढेर मिले। कूड़ा नाले के पानी के साथ बह रहा था। देखकर लग रहा था कि यहां सफाई नहीं हुई। स्पाट तीन : सुभाषनगर राजीव कालोनी पुलिया
स्पाट चार : चौपुला पुरानी पुलिस लाइन के सामने नाला
नाला में पानी का बहाव थम गया था। सिल्ट बहुत ज्यादा थी। नाला पूरी तरह से चोक हो चुका है। यहां सफाई करवाई गई होती तो स्थिति थोड़ी ठीक मिलती। स्पाट पांच : कूड़ा निकालकर सड़क पर डाला
सिटी स्टेशन रोड के सामने नाले से कूड़ा निकालकर सड़क पर डाल दिया गया। लेकिन उठाया नहीं गया। लोगों ने बताया कि कूड़ा दोबारा नाले में जा चुका है। स्पाट छह : सेटेलाइट चौराहे पर नाला सड़क तक बह रहा
कूड़ा अधिक होने से नाले का पानी सड़क तक आ रहा था। हालात दुर्गंध वाले थे। लोग नाक बंद करके निकल रहे थे। यहां भी सफाई होने के संकेत नहीं मिले। स्पाट सात : इंद्रानगर के नालों में सिल्ट
पाश माने जाने वाले इंद्रानगर में स्वयं बरातघर के सामने नाले में सिल्ट भरी मिली। जाहिर है कि यहां सफाई कारगर साबित नहीं हुई। बारिश में जलभराव होने के बाद इतनी जल्दी सिल्ट नहीं जमती।