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लुधियाना में डाक्टरों ने तीन पैर वाले बच्चे की दुर्ली सर्जरी की है। (अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराई गई फोटो)
पंजाब के लुधियाना में तीन पैर वाले बच्चे को डाक्टरों ने नई जिंदगी दी है। लुधियाना के एक अस्पताल के डाक्टरों ने बच्चे की दुर्लभ सर्जरी की और उसके तीसरे पैर को हटा दिया। अब बच्चा ठीक
लुधियाना। माडल टाउन स्थित दीप अस्पताल के डाक्टरों ने तीन पैरों वाले बच्चे काे नया जीवन दिया है। उन्होंने बच्चे की दुर्लभ व जटिल सर्जरी कर एक पैर को हटा दिया। एक साल दो माह के बच्चे नैतिक की पीठ पर कमर के पास जन्म से ही तीसरा पैर जुड़ा हुआ था। इस पैर को अलग करने के लिए न्यूरो, पीडियाट्रिक्स, आर्थो व प्लास्टिक सर्जरी के डाक्टरों की टीम ने यह सर्जरी की। यह सर्जरी करीब साढ़े घंटे चली। डाक्टरों के अनुसार बच्चे को पूरी तरह ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा। यह दुलर्भ सर्जरी थी। देश में अब तक ऐसे दो ही केस आए हैं।
डाक्टरों ने साढ़े चार घंटे में की सर्जरी, जन्म से थे बच्चे के तीन पैर, ठीक होने में लगेगा कुछ वक्त
छोटी हैबोवाल के गोपाल नगर गोगी मार्केट में किराये के मकान में रहने वाले संजय और प्रीति सर्जरी के बाद बहुत खुश हैं। दोनों पति-पत्नी फैक्टरी में काम करते हैं। बच्चे की मां प्रीति ने बताया कि 11 अप्रैल 2020 को उनके घर बेटे ने जन्म लिया था। बच्चे के तीन पैर थे। उस समय डाक्टरों ने कहा था कि शहर के बड़े अस्पतालों में सर्जरी से तीसरे पैर को हटाया जा सकता है।
प्रीति ने बताया कि कई अस्पतालों में इस सर्जरी का खर्च बहुत ज्यादा था। उनके पास इतना पैसा नहीं था। पीठ के पास तीसरा पैर होने के कारण बेटा बैठ नहीं पाता था। कई लोगों से मदद मांगी लेकिन कुछ नहीं हुआ। किसी ने अनमोल क्वातरा एनजीओ के बारे में बताया। उनकी मदद से उनके बेटे की यह सर्जरी हुई है। उनके लिए अनमोल क्वातरा और अस्पताल के डाक्टर भगवान का रूप हैं। वह जल्द अपने बच्चे को अपने पैरों पर चलता देखना चाहती है।
अस्पताल के डाक्टरों का दावा, देश में इस तरह की सर्जरी का यह दूसरा मामला
सर्जरी करने वाले डाक्टरों की टीम : यह सर्जरी अस्पताल के डिपार्टमेंट आफ न्यूरो एंड स्पाइन के डायरेक्टर डा. आरके कौशल की अगुआई में की गई। इस टीम में पीडियाट्रिक सर्जन डा. आरजे ¨सह, आर्थो डिपार्टमेंट के हेड डा. मोहम्मद यामीन और प्लास्टिक सर्जन डा. रविंदर ताह शामिल थे।