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RGA न्यूज़
कागारौल में बुधवार सुबह बच्चों के अंतिम संस्कार के दौरान बिलखते स्वजनों को संभालती पुलिस।
आगरा के कागारौल कस्बे में तीनों बच्चों के शव पहुंचने के बाद मचा कोहराम। मंगलवार शाम को कागारौल में तेज बारिश हुई। इसके कारण छत पर पड़ी मिट्टी में पानी भर गया। रात आठ बजे कच्ची छत पर वजन बढ़ने के कारण गर्डर के नीचे रखा पत्थर टूट गया था।
आगरा, निर्माणाधीन मकान की छत ढहने से तीन मासूमों की मौत के बाद बुधवार सुबह शव लेकर स्वजन घर पहुंचे। इसके बाद कोहराम मच गया। वहां मौजूद लोगों के दिल में गम थे और आंखों में आंसू। तीनों के शव एक साथ अंतिम संस्कार के लिए ले गए। इसके बाद पास-पास गड्ढे खोदकर उन्हें दफन कर दिया गया। इस मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
कागारौल की वाल्मीकि बस्ती में हाकिम सिंह के मकान का पत्थर से पटाव का कार्य चल रहा है। इस पर गर्डर और पत्थर रखने के बाद छत बनाने को मिट्टी डाली गई थी। हाल की लंबाई अधिक होने के कारण बीच में लोहे के गर्डर के सपोर्ट के लिए एक भारी पत्थर उनके नीचे लगाया था। मंगलवार शाम को कागारौल में तेज बारिश हुई। इसके कारण छत पर पड़ी मिट्टी में पानी भर गया। रात आठ बजे कच्ची छत पर वजन बढ़ने के कारण गर्डर के नीचे रखा पत्थर टूट गया। इसके बाद इसके ऊपर रखे सभी गर्डर और पत्थर टूटकर नीचे गिर पड़े। इसके नीचे एक ही परिवार के नौ लाेग थे। ये सभी छत के मलबे और पत्थरों के नीचे दब गए। मलबे में दबने से घायल हुई आठ वर्षीय रोशनी, पांच वर्षीय मयंक और तीन वर्षीय प्राची की मौत हो गई। जबकि हाकिम सिंह, सरस्वती, जीत, खुशी, डाॅली और राखी को एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे तीनों बच्चों के शव लेकर स्वजन गांव में पहुंच गए। वहां पहले से ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। बच्चों के शव गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया। वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। तीनों बच्चों गांव के बाहर दफना दिया गया।
मुआवजे के लिखित आश्वासन के बाद माने स्वजन
एसडीएम संगीता राघव ने रात को ही हादसे में जान गंवाने वाले तीनों बच्चों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया था। बुधवार को सुबह स्वजन लिखित आश्वासन देने की मांग करने लगे। उन्होंने लिखित आश्वासन देने तक अंतिम संस्कार न करने की बात कही। एसडीएम संगीता राघव ने उन्हें लिखित आश्वासन दे दिया। तीनों बच्चों के स्वजन को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रुपये दिलवाए जाएंगे। इसके बाद ही उनका अंतिम संस्कार हुआ।